Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस बार नहीं आयोजित होगा जौनपुर का प्रसिद्ध मौण मेला

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 27 Jun 2020 05:47 PM (IST)

    कोरोना के चलते थौल मेलों के लिए प्रसिद्ध जौनपुर के लोग इस बार राजशाही के जमाने से चला आ रहा मौण पर्व नहीं मना पाएंगे। ...और पढ़ें

    Hero Image
    इस बार नहीं आयोजित होगा जौनपुर का प्रसिद्ध मौण मेला

    नैनबाग (टिहरी), जेएनएन। कोरोना के चलते थौल मेलों के लिए प्रसिद्ध जौनपुर के लोग इस बार राजशाही के जमाने से चला आ रहा मौण पर्व नहीं मना पाएंगे। जौनपुर में हर माह कोई न कोई लोक त्योहार मनाया जाता है। मेलों में यहां उमड़ने वाली भीड़ से इस बात का पता चलता है कि यहां के लोगों में लोग संस्कृति के प्रति कितना लगाव है। वहीं मेला न हो पाने के चलते क्षेत्र के ग्रामीण निराश हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जौनपुर प्रखंड में यूं तो वर्षभर में करीब डेढ़ दर्जन मेलों का आयोजन होता है, लेकिन इनमें मौण मेला काफी प्रसिद्ध है। अनोखे अंदाज में मनाए जाने वाले इस मेले को प्रतिवर्ष जून माह के अंतिम सप्ताह में 29 और 30 जून को मनाया जाता है। मेले में क्षेत्र के लोग ढोल-दमाऊ की थाप पर नाच-गाने के साथ अगलाड़ नदी पहुंचते हैं, जहां ग्रामीणों में मछली पकड़ने की प्रतिस्पर्धा होती है। इसके बाद पूरे गांव में रात्रि में मंडाण के साथ कार्यक्रम आयोजित होता है।

    मौण मेले को देखने के लिए स्थानीय ग्रामीणों के अलावा बाहर से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। खासकर ग्रामीणों द्वारा नदी में मछली पकड़ने की प्रतिस्पर्धा आकर्षण का केंद्र रहती है। लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण व सरकार की गाइडलाइन के चलते मेला आयोजित नहीं होगा।

    यह भी पढ़ें: युवाओं को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण देकर राजेंद्र ने तैयार किया मजबूत आर्थिकी का आधार

    तीसरी बार स्थगित हुआ मौण मेला

    यह तीसरा मौका है, जब मौण पर्व नहीं मनाया जा सकेगा। इससे पहले भी विभिन्न कारणों से मेले को स्थगित करना पड़ा था। पहली बार वर्ष 1948 में ग्रामीणों के आपसी विवाद के चलते टिहरी के राजा ने मेले के आयोजन को बंद कर दिया था। लेकिन, एक साल बाद 1949 में मेला दोबारा शुरू करवाया गया। इसके बाद वर्ष 2013 में आई आपदा में मरने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए पर्व को नहीं मनाए जाने का निर्णय लिया गया था। जबकि, इस बार देश में कोरोना संक्रमण के चलते मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा है।

    यह भी पढ़ें: गांव लौटे प्रवासियों ने पेश की मिसाल, बना दी ढाई किमी लंबी सड़क