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600 किमी की दूरी तय कर देवी नंदन पदयात्रा पहुंची देवप्रयाग

हिमाचल प्रदेश के खनेटि गांव से 21 मार्च को निकली देवी नंदन पदयात्रा शनिवार को देवप्रयाग पहुंची। दोपहर बाद यह पदयात्रा देवप्रयाग से केदरानाथ के लिए रवाना हो गई।

By Edited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 05:56 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 12:01 PM (IST)
600 किमी की दूरी तय कर देवी नंदन पदयात्रा पहुंची देवप्रयाग
600 किमी की दूरी तय कर देवी नंदन पदयात्रा पहुंची देवप्रयाग

टिहरी, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश के खनेटि (शिमला) गांव से 21 मार्च को निकली देवी नंदन पदयात्रा शनिवार को देवप्रयाग पहुंची। दोपहर बाद यह पदयात्रा देवप्रयाग से केदरानाथ के लिए रवाना हो गई। देवी को आराध्य मानने वाले शिमला के कोटखाई क्षेत्र के 40 गांवों के प्रतिनिधि पदयात्रा में शामिल हैं।

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पदयात्रा में शामिल कोटखाई निवासी श्रद्धालु रामानंद शर्मा ने बताया कि देवी के आदेश के बाद यह पदयात्रा निकाली गई है। इससे पहले करीब 20 वर्ष पूर्व देवी की यह पदयात्रा निकाली गई थी। इस बार 35 श्रद्धालुओं का जत्था देवी की डोली व निशानों के साथ निकला है। 

हिमाचल के पारंपरिक लोक वाद्यों के साथ यह पदयात्रा 21 मार्च को हिमाचल के खनेटि से निकली थी, जो कोटखाई, नाला, गुमा, छैला होते शिमला पहुंची। यहां से सोलन, चंडीगढ़, यमुनानगर, सहारनपुर, रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश होते हुए शनिवार को देवप्रयाग पहुंची। देवप्रयाग में स्थानी लोगों ने देवी नंदन पदयात्रा का स्वागत किया। देवप्रयाग में संगम पर गंगा स्नान के बाद देवी की डोली प्राचीन श्री रघुनाथ मंदिर पहुंची जहां पदयात्रियों ने भगवान की पूजा अर्चना की। 

दोपहर बाद पदयात्रा केदारनाथ के लिए रवाना हुई। यात्रा में शामिल श्रद्धालु नरेंद्र, मदन, दिनेश, विशाल, सचिन ने बताया कि हिमाचल व उत्तराखंड के धार्मिक व सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। इसकी साक्षी यह देव यात्राएं हैं, जिसमें खनेटी से निकलने वाली देवी नंदन पदयात्रा भी है। देवी किसी वाहन में सवार होकर नहीं चलती वह हमेशा पदयात्रा कर बदरी केदार दर्शन को जाती है। 

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