लापरवाही! समय पर इलाज न मिलने से टिहरी में एक और गर्भवती की मौत, मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
टिहरी के भिलंगना ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते एक और गर्भवती महिला की जान चली गई। सीएचसी बेलेश्वर से रेफर करने के दौरान रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। दो महीने में यह तीसरी घटना है, जिससे ग्रामीणों में गुस्सा है। डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच और सीएमओ ने तीन सदस्यीय टीम गठित की है।

सीएचसी बेलेश्वर से हायर सेंटर रेफर किया गया था, रास्ते में तोड़ा दम। प्रतीकात्मक
संवाद सूत्र, जागरण, घनसाली (टिहरी)। भिलंगना ब्लाक में लचर स्वास्थ्य सुविधाओं और समय पर उपचार न मिलने से एक और गर्भवती को जान गंवानी पड़ी। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बेलेश्वर लाया गया था, लेकिन उचित उपचार न मिलने पर हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।
ब्लाक में दो महीने के अंदर यह तीसरी गर्भवती की मौत है। क्षेत्र की बेपटरी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की मांग को लेकर 25 दिन से आंदोलनरत ग्रामीण इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बता रहे हैं। डीएम ने मामले के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं, जबकि सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है।
इस बार स्वास्थ्य सुविधाओं के बेपटरी होने का खामियाजा चमियाला के श्रीकोट गांव के दीपक पंवार की पत्नी नीतू पंवार (26) को भुगतना पड़ा। आठ महीने की गर्भवती नीतू को प्रसव पीड़ा के कारण स्वजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर ले गए थे, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इससे पहले क्षेत्र की अनीशा रावत और रवीना कठैत की भी प्रसव संबंधी जटिलताओं के चलते उपचार न मिलने के कारण मौत हो चुकी है। जिलाधिकारी टिहरी नितिका खंडेलवाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।
इसके लिए उप जिला मजिस्ट्रेट घनसाली की अध्यक्षता में जांच समिति बनाकर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उधर, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमओ) डा. श्याम विजय ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर एक सप्ताह में आख्या देने को कहा है। टीम में एसीएमओ टिहरी डा. जितेंद्र भंडारी, जिला अस्पताल बौराड़ी के इनटनल मेडिसन विशेषज्ञ डा. यश मोहन सोनी और स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. पूर्वी भट्ट को शामिल किया गया है।

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