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    Chardham Yatra 2020: केदारनाथ श्रद्धालुओं को नहीं कराए जा रहे स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन

    By Edited By:
    Updated: Tue, 21 Jul 2020 02:01 PM (IST)

    Chardham Yatra 2020 केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं को बाहर से ही मंदिर के दर्शन कर लौटना पड़ रहा है। धाम में अब तक करीब तीन हजार श्रद्धालु केदारनाथ ...और पढ़ें

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    Chardham Yatra 2020: केदारनाथ श्रद्धालुओं को नहीं कराए जा रहे स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन

    रुद्रप्रयाग, जेएनएन। केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं को बाहर से ही मंदिर के दर्शन कर लौटना पड़ रहा है। चार धाम देवस्थानम बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार सभा मंडप से श्रद्धालु स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं, बावजूद इसके उन्हें सभा मंडप में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। देवस्थानम बोर्ड से जुड़े अधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि स्थानीय लोग श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे हैं। इस बारे में प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है। सरकार ने चार धाम यात्रा की जिम्मेदारी देवस्थानम बोर्ड को सौंपी है। कोरोना काल फिलहाल राज्य के नागरिकों को ही चार धाम यात्रा की अनुमति है। केदारनाथ में अब तक करीब तीन हजार श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं। 

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    श्रद्धालुओं को शिकायत है कि वे स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर से पहुंचे मनमोहन सिंघवाल ने बताया कि उन्हें शिवलिंग के दर्शन नहीं हो पाए। ऐसे में उन्हें मायूसी ही हाथ लगी है, जबकि देवस्थानम बोर्ड के नियमों के अनुसार सभामंडप से दर्शन किए जा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड के अड़ियल रूख के कारण श्रद्धालुओं को दर्शनों से वंचित किया जा रहा है।
    एक और श्रद्धालु विनोद सोलंकी ने भी यही दोहराया। उन्होंने कहा कि कठिन चुनौतियों का सामना कर श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें बाबा केदार के दर्शन नहीं कराए जा रहे। उन्होंने सवाल किया कि अगर दर्शन नहीं करवाने तो फिर धाम जाने की अनुमति क्यों दी जा रही है। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी एनपी जमलोकी का कहना है कि स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के चलते श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
    हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि बोर्ड द्वारा जारी गाइड लाइन में सभा मंडप से स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन का प्रविधान है। दूसरी ओर उपजिलाधिकारी ऊखीमठ वरुण अग्रवाल ने बताया कि तीर्थ पुरोहितों के सुझाव के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहर से ही दर्शन कराने का निर्णय लिया गया।