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केदारनाथ में हुई भारी बर्फबारी, बर्फ बन सकती है यात्रा की राह का रोड़ा

वर्तमान में केदारनाथ में आठ फीट से अधिक बर्फ जमी है और आगे भी बर्फबारी के आसार बने हुए हैं। जबकि, आगामी चार मार्च को महाशिवरात्रि पर्व से यात्रा की कवायद शुरू हो जाएगी।

By Edited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 01:52 PM (IST)
केदारनाथ में हुई भारी बर्फबारी, बर्फ बन सकती है यात्रा की राह का रोड़ा

रुद्रप्रयाग, बृजेश भट्ट। केदारनाथ में हुई भारी बर्फबारी इस बार प्रशासन के सामने चुनौतियां खड़ी कर सकती है। ऐसी स्थिति में यात्रा शुरू करवाने के लिए मूलभूत सुविधाएं जुटाना भी आसान नहीं होगा। वर्तमान में केदारनाथ में आठ फीट से अधिक बर्फ जमी है और आगे भी बर्फबारी के आसार बने हुए हैं। जबकि, आगामी चार मार्च को महाशिवरात्रि पर्व से यात्रा की कवायद शुरू हो जाएगी। केदारपुरी के बर्फ के आगोश में समाये होने से वहां सभी पुनर्निर्माण कार्य पूरी तरह बंद हैं।

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पैदल मार्ग पर आवाजाही ही नहीं, विद्युत व संचार सेवाएं भी ठप पड़ी हुई है। पैदल मार्ग पर लिनचोली से लेकर केदारनाथ तक पांच से आठ फीट बर्फ जमी है। बाकी हिस्सा भी गौरीकुंड तक बर्फाच्छादित है। आने वाले दिनों में इस बर्फ के ऊपर पाले की परत जम जाएगी, जिससे इसके मई में यात्रा शुरू होने तक पिघलने के आसार नहीं हैं। ऐसे में बर्फ को काटकर पैदल रास्ता बनाना भी आसान नहीं होगा। क्योंकि, पहाड़ियों से हिमस्खलन की आशंका बराबर बनी रहती है।

घोड़ा-खच्चर की आवाजाही होगी मुश्किल

अधिक बर्फ होने से पैदल मार्ग पर आम लोगों के साथ ही घोड़ा-खच्चर की आवाजाही भी काफी मुश्किल होती है। जबकि, केदारनाथ में व्यापक स्तर पर जरूरी सुविधाएं का घोड़ा-खच्चर ही एकमात्र जरिया हैं।

बढ़ सकती हैं स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें 

सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि अत्याधिक ठंड होने के कारण धाम में ऑक्सीजन का लेवल काफी घट जाता है। जिस कारण अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वर्ष 2012 में भी केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई थी, जिस कारण यात्रा के शुरुआत में ठंड से 72 यात्रियों की मौत हो गई थी।

पुनर्निर्माण शुरू होने के फिलहाल आसार नहीं 

भारी बर्फबारी के चलते प्रशासन ने पिछले दिनों केदारपुरी में काम कर रही निर्माण एजेंसियों के मजदूर भी वापस बुला लिए थे। ऐसे में पुनर्निर्माण कार्य दोबारा कब शुरू हो पाएंगे, कहना मुश्किल है।

यह हैं चुनौतियां 

  • पैदल मार्ग: लिनचोली से केदारनाथ तक पांच से आठ फीट बर्फ काटकर बनाना होगा पैदल मार्ग
  • पेयजल: बर्फ अधिक होने के कारण पानी जम गया है और पाइप लाइन जगह-जगह फट गई हैं।
  • विद्युत व संचार: बर्फबारी से विद्युत व संचार सेवा ठप पड़ी हुई है, जिसे बहाल करना संभव नहीं हो पा रहा।
  • यात्रियों के रहने की व्यवस्था: अधिक बर्फ होने के कारण यात्रियों के लिए ठहरने की व्यवस्था करना आसान नहीं है।
  • खाद्यान्न: केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ जमी होने से घोड़ा-खच्चर की आवाजाही संभव नहीं है। जाहिर है ऐसी स्थिति में वहां खाद्य सामाग्री भी नहीं पहुंचाई जा सकती। 

बोले अधिकारी 

मंगेश घिल्डियाल (जिलाधिकारी, रुदप्रयाग) का कहना है कि इस बार केदारनाथ में भारी बर्फबारी होने के कारण प्रशासन की चुनौतियों बढ़ गई हैं। हालांकि, ऐसी स्थिति में प्रशासन इस बार यात्रा तैयारियां काफी पहले शुरू कर देगा। मौसम विभाग के सुझाव के अनुसार मार्च में ही पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यात्रा से पूर्व सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें, इसके लिए प्रयासों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

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