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    गुनगुनी धूप में गुफा के बाहर बैठ केदारनाथ को निहारते रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Mon, 20 May 2019 04:28 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्यान गुफा से बाहर निकल गुनगुनी धूप का लुत्फ उठाया और अपने आराध्य भगवान केदारनाथ के मंदिर को निहारते रहे।

    गुनगुनी धूप में गुफा के बाहर बैठ केदारनाथ को निहारते रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    केदारनाथ, बृजेश भट्ट। केदारनाथ धाम में 17 घंटे एकांतवास के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान गुफा से बाहर निकले तो मानो नई सुबह उन्हें दिव्य ताजगी का एहसास करा रही थी। गुफा के बाहर बैठ उन्होंने गुनगुनी धूप का लुत्फ उठाया और अपने आराध्य भगवान केदारनाथ के मंदिर को निहारते रहे। इस दौरान उन्होंने ध्यान भी लगाया। बाद में वह उठे और पैदल ही वापसी की राह पकड़ी।

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    एक दिन पहले मौसम की अठखेलियों के बीच लग ही नहीं रहा था कि केदारनाथ में सुबह ऐसी दिव्य होगी। शनिवार सुबह शुरू हुआ बूंदाबांदी का दौर दोपहर बाद अच्छी खासी बारिश में तब्दील हो गया। रात को शून्य डिग्री सेल्सियस के बीच कड़ाके की ठंड यह बताने के लिए काफी थी के आसपास चोटियों पर हिमपात हुआ है, लेकिन आज नजारा बदला हुआ था। 

    सुबह छह बजे गुफा का दरवाजा भले ही बंद था, लेकिन खिड़की खुली हुई थी। केदारनाथ में आम से खास तक इस पर टकटकी लगाए हुए थे कि प्रधानमंत्री कब गुफा से बाहर निकलते हैं। सभी उस पल के लिए उत्सुक थे। ठीक सात बजे प्रधानमंत्री गुफा से निकले और बाहर बैठ गए। केदारनाथ मंदिर को एकटक निहारते हुए मोदी ने करीब दस मिनट गुनगुनी धूप का लुत्फ लिया। इसके बाद कुछ देर ध्यान भी लगाया। गुफा में बिताए एहसास को मीडिया के साथ साझा करते हुए उन्होंने कहा भी कि 'अरसे बाद ऐसा मौका आया है।' इस एहसास को उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी बयां किया। उन्होंने लिखा 'शानदार, आध्यात्मिक और जादुई एहसास। हिमालय में कुछ तो खास है।' करीब तैंतीस साल पहले भी मोदी केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी में साधना कर चुके हैं। हालांकि इस बार उम्मीद थी कि वे गरुड़चट्टी भी जाएंगे, लेकिन यह अवसर नहीं आ पाया।

    बाबा केदार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगाध आस्था को लेकर केदारानाथ के तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि 'यह श्रद्धा और सादगी का परिचायक है कि वह हेलीपैड पर ऑल टैरेन व्हीकल होने के बावजूद मंदिर तक पैदल आए।' उन्होंने कहा कि 17 घंटे तक गुफा के भीतर रहना दर्शाता है कि यहां एक प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि भक्त आया है। पोस्ती कहते हैं कि सियासत में इसके कुछ भी मायने निकाले जाएं, लेकिन उनकी आस्था निर्विवाद है। वह कहते हैं कि मोदी के अलावा पहले भी दो प्रधानमंत्री यहां आ चुके हैं, लेकिन केदारनाथ में रात्रि विश्राम करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री हैं।

    मंदाकिनी के तट पर की सैर

    तीन माह तक चुनावी आपाधापी के बीच ताबड़तोड़ दौरों पर व्यस्त रहे प्रधानमंत्री केदारनाथ धाम में पूरी तरह से सुकून में नजर आए। गुफा के बाहर गुनगुनी धूप का लुत्फ लेने के बाद वापसी में प्रधानमंत्री ने करीब दस मिनट मंदाकिनी के तट पर सैर भी की।

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