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केदारनाथ में दो हजार यात्री ही कर पाएंगे रात्रि विश्राम, पढ़िए पूरी खबर

केदारनाथ में वर्तमान हालात को देखते हुए यहां रात में सिर्फ दो हजार यात्री ही ठहर पाएंगे जबकि पिछले साल सात हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था थी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 10:13 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 08:14 PM (IST)
केदारनाथ में दो हजार यात्री ही कर पाएंगे रात्रि विश्राम, पढ़िए पूरी खबर
केदारनाथ में दो हजार यात्री ही कर पाएंगे रात्रि विश्राम, पढ़िए पूरी खबर

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। शीतकाल में भारी बर्फबारी से हुए नुकसान ने प्रशासन की चुनौतियां बढ़ा दी हैं। बर्फबारी से धाम में बड़ी संख्या में प्री-फेब्रिकेटेड हट क्षतिग्रस्त हुई हैं। ऐसे में वर्तमान हालात को देखते हुए यहां रात में सिर्फ दो हजार यात्री ही ठहर पाएंगे, जबकि पिछले साल सात हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था थी।

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बीते सीजन में सात लाख से ज्यादा यात्री केदारनाथ के दर्शनों को पहुंचे थे। जून में प्रतिदिन दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या कई बार बीस हजार के आसपास रहती है। इसके लिए गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक पड़ने वाले विभिन्न पड़ावों पर यात्रियों के रात्रि विश्राम की व्यवस्था है। लेकिन इस बार भारी बर्फबारी से हट को नुकसान पहुंचा है। 

केदारनाथ में बर्फ साफ करने का कार्य जारी है। इसके बाद क्षतिग्रस्त हट की मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि केदारनाथ धाम के कपाट नौ मई को खोले जाएंगे। ऐसे में प्रशासन के पास समय बेहद कम है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि क्षतिग्रस्त हट की जल्द से जल्द मरम्मत करा ली जाए। उन्होंने बताया कि अभी वहां दो हजार लोग ठहर सकते हैं, लेकिन अभी यह कह पाना कठिन है कि इसके अलावा कितने और यात्रियों के लिए व्यवस्था हो पाएगी। 

वर्तमान में व्यवस्था

  • केदारनाथ -2000
  • लिनचोली -500
  • भीमबली-200
  • गौरीकुंड-8000

कमिश्नर ने चारधाम यात्र को जारी किए सवा करोड़ रुपये

चारधाम यात्र तैयारियों के लिए गढ़वाल कमिश्नर ने सवा करोड़ का बजट जिलों को जारी कर दिया है। यह बजट चारधाम यात्रियों के लिए शौचालय, पानी, सफाई एवं दवा पर खर्च होगा। इस कार्य की मॉनिटरिंग स्वयं गढ़वाल कमिश्नर करेंगे।

गढ़वाल कमिश्नर बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि चारधाम यात्र तैयारी की शुरुआत यात्र रूट, जिला मुख्यालय में सफाई अभियान से की जाएगी। इसके लिए एक मई को पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, और उत्तरकाशी जिलों में वृहद सफाई अभियान चलाया जाएगा। सफाई अभियान में स्वयंसेवी संगठनों, स्कूली छात्र-छात्रओं आदि को भी शामिल किया गया है। ताकि धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों के मन में यात्र पड़ाव, धामों और जिलों में व्यवस्थाओं को लेकर कोई शंका न रहे। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्र तैयारी के लिए सभी जिलों को एक करोड़ 24 लाख का बजट जारी कर दिया है। इस बजट से धामों और यात्र रूट पर सफाई, शौचालय, पानी, दवा का छिड़काव आदि कराया जाएगा। इसके अलावा चारधाम यात्रियों को जानकारीपरक सूचनाएं देने वाले साइन बोर्ड भी लगाए जाने हैं। उन्होंने कहा कि नगर निकाय, तहसील, जिला पंचायत और मंदिर समितियां भी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन करें। ताकि चारधाम यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।

कपाट खुलने से सात दिन पहले तैनात होगी पुलिस

चारधाम यात्र को लेकर पुलिस ने अपनी तैयारी कर दी है। पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के लिए पुलिस ने कई बदलाव किए हैं। इस बार कपाट खुलने से एक सप्ताह पहले यानि एक मई से ही पुलिस अपने प्वाइंटों पर तैनात हो जाएगी। यात्र व्यवस्था के कुशल संचालन के लिए पुलिस ने इस बार 30 फीसद फोर्स को भी बढ़ाया है तथा 20 भूस्खलन जोन बैरियर अतिरिक्त बनाए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के साथ उनकी सहायता करने में पुलिस महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। इसलिए पुलिस की जिम्मेदारियां सबसे अधिक हैं। लगातार यात्र के दबाव को देखते हुए इस बार पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने व्यवस्था में कुछ बदलाव किए हैं। जिससे यात्रियों को और भी अच्छी सुविधा मिल सके। पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि इस बार बीते वर्ष की तुलना में 30 फीसद पुलिस फोर्स बढ़ाया गया है।

14 सब इंस्पेक्टर, 130 कांस्टेबल व दो प्लाटून पीएसी केवल यात्र व्यवस्था के लिए तैनात रहेगी। इस बार 20 नए स्थानों पर भूस्खलन जोन बैरियर बनाए गए हैं। इन बैरियरों पर पुलिस कर्मियों की तैनात रात दिन होगी। सभी पुलिस कर्मियों की तैनाती 1 मई से की जाएगी। पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि यमुनोत्री धाम के बेस कैंप पड़ाव जानकी चट्टी तक वर्ष 2017 में यात्रियों की 13 हजार बड़ी बसे पहुंची थी। 2018 में बड़ी बसों की संख्या 19 हजार हुई। यात्रियों की संख्या बढ़ी हैं। इसको लेकर भी एक प्लान तैयार किया जा रहा है। जानकी चट्टी में घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी के रेट तय करने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।

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