बर्फ से केदारनाथ धाम में अटके हैं पुनर्निर्माण के काम
केदारनाथ धाम में बर्फ जमा होने से पुनर्निर्माण कार्य लटक गए हैं। बर्फ से लोनिवि के 70 फीसद काम प्रभावित होने से पौने चार करोड़ का नुकसान हुआ है।
देहरादून, जेएनएन। केदारनाथ धाम में बर्फ जमा होने से पुनर्निर्माण कार्य लटक गए हैं। बर्फ से लोनिवि के 70 फीसद काम प्रभावित होने से पौने चार करोड़ का नुकसान हुआ है। ऐसे में लोनिवि के सामने पुरानी व्यवस्था को ढर्रे पर लाने की चुनौती बनी हुई है। इससे काम बर्फ हटाने के बाद ही शुरू होने की उम्मीदें है। खासकर रामबाड़ा से मंदिर तक छह ग्लेशियर जोन निर्माण कार्य में सबसे ज्यादा बाधा बन रहे हैं।
केदारनाथ धाम में बर्फबारी से हुई क्षति का आंकलन करने के बाद रुद्रप्रयाग के लोनिवि के अधीक्षण अभियंता एमएस परमार ने मुख्यालय को रिपोर्ट दे दी है। शनिवार को दून पहुंचे परमार ने प्रमुख अभियंता को करीब पौने चार करोड़ के नुकसान की रिपोर्ट दी है। इसमें केदारनाथ में तीन पुल, पिछले साल तैयार किए गए रास्ते, रेलिंग कार्य, रैन शेल्टर, घोड़ा पड़ाव, मेडिकल कैंप, स्टोर आदि को भारी नुकसान की बात कही गई। नुकसान के बाद लोनिवि ने निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए मजदूरों की टीम धाम में पहुंचा दी है। लोनिवि कपाट खुलने से पहले सुरक्षित आवाजाही के लिए रास्ता बना रहा है। टीम केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य में जुटी है। उम्मीद है कि कपाट खुलने से पहले तक सभी व्यवस्थाएं जुटा ली जाएगी।
यहां बना हुआ खतरा
रामबाड़ा से केदारनाथ धाम तक जाने वाले मार्ग पर टप प्वाइंट, थारू ग्लेशियर, कुवर ग्लेशियर, हथनी ग्लेशियर, भैरव ग्लेशियर, लिंचौली ग्लेशियर से रास्ते पर आवाजाही जोखिमभरी बनी हुई है। यहां कई मीटर बर्फ फिसल कर रास्ते में आ रही है। इससे पुनर्निर्माण पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है।
बर्फ से यह काम हुए प्रभावित
मंदिर तक जोड़ने के लिए गरुड़चट्टी और भैरव मंदिर के पास 36 और 60 मीटर स्पान के पुल। घोड़ा पड़ाव, रुद्रा प्वाइंट के पास रास्ता निर्माण, रामबाड़ा, लिंचौली में पुलिया, टप प्वाइंट में रास्ते का निर्माण आदि महत्वपूर्ण कार्य बर्फ से प्रभावित हुए हैं।
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