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केदारनाथ के कपाट खुलने के समय मुख्य पुजारी समेत 16 लोग ही रहेंगे मौजूद, भक्तों के लिए दर्शन की अनुमति अभी नहीं

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के समय मुख्य पुजारी समेत 16 लोग ही मौजूद रहें।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 09:20 PM (IST)
केदारनाथ के कपाट खुलने के समय मुख्य पुजारी समेत 16 लोग ही रहेंगे मौजूद, भक्तों के लिए दर्शन की अनुमति अभी नहीं
केदारनाथ के कपाट खुलने के समय मुख्य पुजारी समेत 16 लोग ही रहेंगे मौजूद, भक्तों के लिए दर्शन की अनुमति अभी नहीं

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के समय मुख्य पुजारी समेत 16 लोग ही मौजूद रहें। वहीं, भक्तों के लिए दर्शन की अनुमति मंदिर में नहीं दी जाएगी। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन व सामाजिक दूरी के पालन को लेकर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही डोली कार्यक्रम के दौरान भी लोगों से ऊखीमठ से गौरीकुंड तक सड़क पर नहीं आने की अपील की गई है।

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केदारनाथ मंदिर तक खोला पैदल मार्ग

केदारनाथ पैदल मार्ग मंदिर तक खोल दिया गया है। 16 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग गौरीकुंड से केदारनाथ तक आवाजाही शुरू हो गई है। घोड़े खच्चर भी पैदल मार्ग पर आ जा सकते हैं। अब केदारनाथ में मूलभूत सुविधाएं प्रशासन द्वारा बहाल की जाएंगी। विद्युत आपूर्ति सुचारू हो चुकी है। वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य किया गया।

29 अप्रैल को ही खोले जाएंगे केदारनाथ धाम के कपाट 

पंचगद्दी स्थल ओंकोरश्वर मंदिर ऊखीमठ में देवस्थानम बोर्ड के साथ हुई हक-हकूकधारियों की पंचगाई समिति व तीर्थ पुरोहितों की बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्व में तय तिथि 29 अप्रैल को ही केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी इसकी पुष्टि की है। महाराज के अनुसार हक-हकूकधारियों व तीर्थ पुरोहितों ने विश्वास दिलाया है कि इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का अक्षरश: पालन किया जाएगा। साथ ही कपाट खुलने के मौके पर रावल की जगह उनके प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

कोरोना महामारी के चलते सोमवार को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बदले जाने के बाद केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि में भी बदलाव की उम्मीद की जा रही थी। इस सिलसिले में मंगलवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में देवस्थानम बोर्ड के पदाधिकारियों के साथ पंचगाई समिति व तीर्थ पुरोहितों की बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। सभी ने एक स्वर में कहा कि पौराणिक परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो चुकी है। इसे बदला जाना किसी भी स्थिति में संभव नहीं। ऐसा करने पर द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ केदार के कपाट खोलने की तिथियों में भी बदलाव करना पड़ेगा।

पंचगाई समिति के सदस्य लक्ष्मीप्रसाद भट्ट ने कहा कि केदारनाथ के कपाट खुलने की परंपरा और पूजा पद्धति बदरीनाथ से भिन्न है। यहां रावल के प्रतिनिधि के रूप में मुख्य पुजारी पूजा करते हैं। इसके बाद देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी बीडी सिंह ने घोषणा की कपाट खुलने की तिथि में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा रहा है। कपाट पूर्व घोषित तिथि 29 अप्रैल को सुबह 6.10 बजे ही खोले जाएंगे। उधर, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पंचगाई समिति व तीर्थ पुरोहितों से कपाट खुलने की तिथि बदलने का अनुरोध किया गया था। 

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लेकिन, उनका कहना था कि इससे पंच केदार श्रृंखला के अन्य मंदिरों के कपाट खुलने की तिथियां भी बदलनी पड़ेंगी। लिहाजा, सरकार ने भी 29 अप्रैल को ही कपाट खोले जाने पर सहमति दे दी है। बता दें कि सोमवार को शासन में हुई बैठक के बाद बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 30 अप्रैल से बढ़ाकर 15 मई किए जाने की घोषणा की गई थी। साथ ही केदारनाथ के कपाट खोलने की संभावित तिथि 14 मई बताई गई थी।

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