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स्वरोजगार से बदलेंगे अपनी और भूमि की किस्मत, कोरोना काल में गांवों को फिर गुलजार करने की तैयारी

रुद्रप्रयाग में उद्यान विभाग ऊखीमठ विकास खंड की 600 नाली भूमि पर प्रवासियों के लिए फल सब्जी उत्पादन समेत अन्य छोटे स्वरोजगार के कार्य शुरू करेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 01:43 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 09:29 PM (IST)
स्वरोजगार से बदलेंगे अपनी और भूमि की किस्मत, कोरोना काल में गांवों को फिर गुलजार करने की तैयारी
स्वरोजगार से बदलेंगे अपनी और भूमि की किस्मत, कोरोना काल में गांवों को फिर गुलजार करने की तैयारी

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। प्रवासियों के उत्तराखंड लौटने के बाद से ही राज्य सरकार प्रवासियों को स्वरोजगार मुहैया कराने में लगी हुई है। पहले मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से युवाओं को जोड़ा गया। वहीं, अब रुद्रप्रयाग में उद्यान विभाग ऊखीमठ विकास खंड ने नई पहल की है। यहां 600 नाली परती(खाली पड़ी भूमि) पर प्रवासियों के लिए फल, सब्जी उत्पादन समेत अन्य छोटे स्वरोजगार के कार्य शुरू किए जाएंगे। दिलमी और पाली गांव में छह सौ नाली खाली पड़ी भूमि का चयन किया है, जिसे खेती लायक बनाया जाएगा। यहां फल, फूल और सब्जी का उत्पादन किया जाएगा। विभाग युवाओं को उपकरण, बीज और अन्य संसाधन मुहैया कराएगा। आपको बता दें कि लॉकडाउन में बड़ी संख्या में केदारघाटी के प्रवासी गांवों को लौटे हैं।

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पहाड़ में पलायन से बड़ी संख्या में गांव खाली हुए हैं। केदारघाटी ने भी पलायन का दंश झेला है, लेकिन हाल के दिनों को कोराना महामारी संक्रमण के चलते शहरों से बड़ी संख्या में प्रवासी अपने घरों को वापस लौटे हैं। पलायन से वीरान हो चुके गांवों से में एक बार फिर से खेती और उद्यानिकी को बढ़ावा देकर उद्यान विभाग ने स्वरोजगार मुहैया कराने के प्रयास शुरू किए गए हैं। गांव लौटे प्रवासी युवाओं को सब्जी और फलोत्पादन के लिए सरकारी स्तर पर प्रेरित किया जा रहा है। 

विभाग ने गांवों में खाली पड़ी भूमि को खेती लायक बनाने और उसमें स्थानीय जलवायु और मिट्टी की उर्वरता के हिसाब से फल, फूल और सब्जी उत्पादन का खाका तैयार किया है। पहले चरण में पाली गांव में 100 और दिलमी गांव में लगभग 500 नाली भूमि को खेती लायक बनाया जाएगा।

भूमि स्वामियों से संपर्क कर जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। जल्द ही खेतों के चारों तरफ उगी झाड़ियों का कटान कर पावर वीडर से खुदाई की जाएगी। मिट्टी की उर्वरता की जांच कर उसमें मानसून की पहली बारिश के बाद पौधारोपण किया जाएगा। प्रवासी युवाओं को समूहों में जोड़कर खेती की जाएगी। यहां 1000 वर्ग मीटर पर पॉलीहाउस भी स्थापित किए जाएंगे।

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ऊखीमठ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भट्ट ने बताया कि केदारघाटी में पांच हजार से अधिक प्रवासी अपने घर लौटे हैं, और सभी यही पर रोजगार करना चाहते हैं। जिला उद्यान अधिकारी, रुद्रप्रयाग योगेंद्र चौधरी ने बताया कि बाहरी प्रदेशों से बड़ी संख्या में प्रवासी लौटे हैं। इन सभी से संपर्क किया गया तो सभी प्रवासी युवा स्वरोजगार के लिए फल, सब्जी उत्पादन के लिए अपनी इच्छा जता रहे हैं। विभाग की ओर से भी उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। ऊखीमठ के दो गांवों में भूमि का चयन किया गया है। जल्द ही यहां पर सभी औपचारिकताएं पूरी कर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

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