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    केदारनाथ हाईवे पर हुआ भूस्‍खलन, सात मजदूर जिंदा दफन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 21 Dec 2018 08:49 PM (IST)

    रुद्रप्रयाग गौरीकुंड हाईवे पर बांसवाड़ा के पास आल वेदर रोड के कटिंग के दौरान भूस्‍खलन हो गया। मलबे के नीचे दबने से सात मजदूरों की मौत हो गई, जबकि कई के दबने की आशंका है।

    केदारनाथ हाईवे पर हुआ भूस्‍खलन, सात मजदूर जिंदा दफन

    रुद्रप्रयाग, जेएनएन। ऑलवेदर रोड कटिंग के दौरान गौरीकुंड-केदारनाथ हाईवे पर बांसवाड़ा के पास अचानक पहाड़ी दरक कर नीचे आ गई। इससे सड़क की निचली तरफ पुश्ता बना रहे सात मजदूर मलबे में जिंदा दफन हो गए, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। एक मजदूर लापता बताया जा रहा है। 12 मजदूरों ने भागकर जान बचाई। सभी मजदूर बारामूला जम्मू-कश्मीर के बताए जा रहे हैं।

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    प्रथमदृष्टया निर्माण एजेंसी और ठेकेदार की लापरवाही सामने आ रही है। डीएम मंगेश घिल्डियाल के निर्देश पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।  डीएम ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। इधर, मलबा आने से गौरीकुंड हाईवे पर आवाजाही हो गई है। ऊखीमठ और गुप्तकाशी का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। उधर, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुर्घटना पर दुख जताया। 

    हादसा रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर हुआ। ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक 76 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। गाजियाबाद की आरजीबी कंस्ट्रक्शन कंपनी यह कार्य करा रही है। शुक्रवार दोपहर करीब पौने एक बजे बांसवाड़ा के पास पोकलैंड मशीन (जेसीबी) से पहाड़ी से पत्थर निकाल रही थी। सड़क के ठीक नीचे मजदूर पुश्ता निर्माण में जुटे हुए थे। 

    इस बीच पूरी पहाड़ी भरभराकर नीचे आ गई। भारी मात्रा में मलबा और पत्थर  हाईवेनदी की तरफ गिरने लगे। पुश्ता बना रहे 11 मजदूर इसकी चपेट में आ गए और देखते ही देखते मलबे में दफन हो गए। इनमें सात की मौके पर ही मौत हो गई, इन सभी के शव काफी मशक्कत के बाद मलबे से निकाल लिए गए। तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। जबकि एक मजदूर का अभी कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उसकी खोजबीन की जा रही है। हादसे में 12 साथी मजदूर बाल-बाल बचे, उन्होंने किसी तरह भागकर जान बचाई। पोकलैंड के चालक भी कूदकर सुरक्षित स्थान की तरफ दौड़ा।

    घायलों को जिला अस्तपाल में प्राथमिक उपचार दिया गया। स्थिति नाजुक देखते हुए उन्हें हेलीकाप्टर के जरिये ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचाया गया। हादसे की सूचना के कुछ देर बाद ही प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। 

    रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में निर्माण एजेंसी और ठेकेदार की लापरवाही सामने आ रही है। सुपरवाइजर तक मौके पर नहीं थे। कितने मजदूर कार्य कर रहे है, इसकी जानकारी के लिए रजिस्ट्रर तक नहीं है। निर्माण ऐजेंसी व ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। 

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