Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Kedarnath Yatra 2025: आस्था के उत्साह से खिले कारोबारियों के चेहरे, आंकड़ा देख नहीं होगा यकीन

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 08:55 AM (IST)

    केदारघाटी में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। केदारनाथ यात्रा से परिवहन और होटल व्यवसाय में लगभग 608.35 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। इस वर्ष 17,68,795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। घोड़े-खच्चर संचालकों ने 91 करोड़ रुपये कमाए, जबकि डंडी-कंडी सेवा से जिला पंचायत को भी अच्छी आय हुई। होटल व्यवसाय और हेली सेवा ने भी करोड़ों का कारोबार किया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली।

    Hero Image

    केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर उमड़ी भक्तों की भीड़ पुलिस

    रविन्द्र कप्रवान, जागरण रुद्रप्रयाग। बाबा केदार के जयकारों से गूंजती केदारघाटी में इस बार भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। कोई पैदल, कोई घोड़े से तो कोई हेलीकाप्टर से भगवान शिव के दर पर पहुंचा। कठिन मौसम और ऊबड़-खाबड़ रास्तों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रही। यही वजह रही कि इस बार केदारनाथ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक गतिविधियों के लिहाज से भी खास रही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस वर्ष केदारनाथ यात्रा से जुड़ी परिवहन सेवाओं घोड़ा-खच्चर, हेली, डंडी-कंडी और शटल ने 208.35 करोड़ रुपये, जबकि होटल व्यवसाय ने करीब 400 करोड़ रुपये का कारोबार किया। इस वर्ष दो मई को जब बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए तो पहले ही दिन 30 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे। शुरुआती दिनों में घोड़े-खच्चरों में फैली बीमारी और भारत-पाक तनाव के चलते एक सप्ताह तक यात्रा प्रभावित रही, लेकिन इसके बाद यात्रा ने गति पकड़ी तो जून-जुलाई तक मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा।

    करीब डेढ़ माह तक प्रतिदिन औसतन 25 हजार श्रद्धालु पहुंचे। हालांकि, वर्षाकाल और आपदाओं के चलते कुछ समय यात्रियों की संख्या घटी, लेकिन कुल मिलाकर इस वर्ष 17,68,795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। वर्ष 2024 में 16.52 लाख, जबकि वर्ष 2023 में रिकार्ड 19.57 लाख श्रद्धालु धाम पहुंचे थे। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने न केवल यात्रा को रौनक दी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया। यात्रा से हजारों लोगों को रोजगार मिला।

    घोड़ा-खच्चर से धाम पहुंचे 3.14 लाख तीर्थयात्री

    इस वर्ष 8,889 घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया गया। इनके माध्यम से 3,14,500 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। घोड़ा-खच्चर संचालकों ने लगभग 91 करोड़ रुपये का कारोबार किया। इसमें से जिला प्रशासन को 4.70 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ।

    यह भी पढ़ें- केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, सीएम धामी भी रहे मौजूद

    डंडी-कंडी सेवा से बढ़ा जिला पंचायत का राजस्व

    जिला पंचायत के कर निरीक्षक ज्ञानेंद्र बगवाड़ी ने बताया कि इस बार 9,325 डंडी-कंडी को लाइसेंस जारी किए गए। डंडी से 34,677 यात्री, जबकि कंडी से 31,463 यात्री धाम पहुंचे। डंडी-कंडी से 46.32 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिससे जिला पंचायत को 3.44 करोड़ रुपये की आय हुई।

    image (83)

    होटल व्यवसायियों के साथ छोटे दुकानदारों पर भी बरसा धन

    इस वर्ष यात्रा के दौरान बाबा केदार के दर्शन को साढ़े 17 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। यदि प्रति व्यक्ति आवास और भोजन पर औसतन दो हजार रुपये भी खर्च माना जाए तो होटल व्यवसाय ने करीब 400 करोड़ रुपये का कारोबार किया। इस आंकड़े में यात्रा मार्ग के छोटे दुकानदारों की आमदनी को भी शामिल किया गया है।

    हेली से 57 करोड़, शटल से 14 करोड़ का कारोबार

    हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे के अनुसार, इस वर्ष नौ स्थानों से आठ हेली कंपनियों ने सेवाएं दीं। हेली उड़ानों की संख्या 12,490 रही, जिनसे 71,291 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। इनसे 57.03 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। वहीं, सहायक परिवहन अधिकारी कुलवंत सिंह चौहान ने बताया कि परिवहन विभाग ने शटल सेवा के लिए 250 वाहन पंजीकृत किए थे। प्रति यात्री 100 रुपये आने-जाने का किराया निर्धारित किया था। 80 प्रतिशत यात्री शटल वाहनों से गौरीकुंड पहुंचे, जिससे 14 करोड़ का कारोबार हुआ।