Kedarnath Yatra 2020: ऑनलाइन पूजा पर कोरोना वायरस का पहरा, इन पूजाओं के लिए होती है बुकिंग
केदारनाथ मंदिर के अंदर नित पूजाओं के साथ ही ऑनलाइन पूजाएं फिलहाल नहीं होंगी। मंदिर में केवल भोग दोपहर का श्रृंगार और सांयकालीन आरती ही होगी।
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए पौराणिक परंपराओं के अनुसार नियत समय पर खोले जा रहे हैं, लेकिन मंदिर के अंदर नित पूजाओं के साथ ही ऑनलाइन पूजाएं फिलहाल नहीं होंगी। मंदिर में केवल भोग, दोपहर का श्रृंगार और सांयकालीन आरती ही होगी। हालांकि, इस वर्ष अभी तक ऑनलाइन पूजा की एक भी बुकिंग नहीं आई है।
केदारनाथ के कपाट तय समय पर ही खोले जा रहे हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते भक्तों को मंदिर में दर्शन की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसका प्रकोप खत्म होने के बाद ही भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जा सकती है। केदारनाथ में इस बार देवस्थानम बोर्ड के सीमित संख्या में कर्मचारी, पुजारी और वेदपाठी ही धाम में मौजूद रहेंगे। मंदिर में नित पूजाओं के साथ ही ऑनलाइन बुकिंग पूजाएं भी संपादित नहीं होंगी। ऑनलाइन पूजाएं अब तक मंदिर समिति भक्तों के नाम और राशि के आधार पर करती थी।
देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि मंदिर में पहले ऑनलाइन पूजाएं संचालित होती रही थी। यह पूजाएं नाम और राशि के आधार पर होती हैं। इसमें महाभिषेक, रुद्राभिषेक, लघुरुद्राभिषेक और सौडंसापचार पूजाएं शामिल हैं। नौटियाल ने बताया कि इस बार अभी तक कोई ऑनलाइन बुकिंग नहीं आई है। हालांकि, प्रशासन के निर्देश के बाद ही पूर्व में बुक हुई ऑनलाइन पूजाओं का संचालन किया जाएगा।
वयोवृद्ध तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते सरकार ने पूजाओं और भक्तों के दर्शन पर रोक लगाई है। महामारी से निपटने में मंदिर और आम भक्तों को सरकार के निर्देश का पालन करना चाहिए, जो भी निर्देश सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं उनका अक्षश: पालन होना चाहिए।
यह पूजाएं होती हैं ऑनलाइन
महाभिषेक-8500
रुद्राभिषेक-7500
लघु रुद्राभिषेक-6500
सौडंसापचार-4500
केदारनाथ मंदिर समिति के निवर्तमान कार्याधिकारी एमपी जमोलकी का कहना है कि सरकार ने सभी मंदिरों में भक्तों के दर्शन और पूजाओं पर रोक लगाई है। केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने पर बाल भोग, दोपहर का श्रृंगार और सांयकाली आरती ही की जाएगी, इसके अलावा सभी पूजाओं पर रोक रहेगी, जो भी निर्देश आएगा उसी आधार पर पूजाएं आयोजित होंगी।
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