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Video: दो साल की बच्ची को आंगन से उठाकर ले जाने वाला गुलदार ढेर, जॉय हुकिल की गोली का हुआ शिकार

रुद्रप्रयाग जिले में दो वर्षीय बच्ची को आंगन से उठाकर ले जाने वाले गुलदार ढेर हो गया है। गुलदार वन विभाग के शिकारी जॉय हुकिल की गोली का शिकार हुआ है। आपको बता दें कि यह मामला जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड के सिलाबामण गांव का है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 12:30 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 03:40 PM (IST)
Video: दो साल की बच्ची को आंगन से उठाकर ले जाने वाला गुलदार ढेर, जॉय हुकिल की गोली का हुआ शिकार
दो साल की बच्ची को आंगन से उठाकर ले जाने वाला गुलदार ढेर।

जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले में दो वर्षीय बच्ची को आंगन से उठाकर ले जाने वाले गुलदार ढेर हो गया है। गुलदार वन विभाग के शिकारी जॉय हुकिल की गोली का शिकार हुआ है। आपको बता दें कि यह मामला जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड के सिलाबामण गांव का है।

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उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदार का आतंक अकसर देखने को मिल जाता है। आए दिन यहां कोई न कोई गुलदार का निवाला बनता है। खौफजदा ग्रामीण लगातार गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग उठाते रहते हैं।

ताजा मामला रुद्रप्रयाग जिले का है, जहां शनिवार रात करीब आठ बजे सिल्लाबामण गांव में प्रमोद कुमार की दो साल की बेटी रिषिका अपनी मां शिखा के साथ घर के आंगन में थी। इस दौरान शिखा काम में व्यस्त थी और बच्ची खेल रही थी। इस बीच शिखा किसी काम से रसोई घर में चली गई। तभी उसे रसोई में गुलदार के गुर्राने की आवाज सुनाई दी।

शिखा भागते हुए आंगन में पहुंची, लेकिन तब तक गुलदार बच्ची को लेकर जंगल की ओर भाग गया। शोर सुनकर ग्रामीण भी जमा हो गए और रात को बच्ची की खोजबीन शुरू की। वन विभाग को भी फोन पर घटना की जानकारी दी गई। वन विभाग की टीम भी रात को ही मौके पर पहुंची और बच्ची की तलाश में जुट गई। हालांकि, उसका कुछ पता नहीं चल पाया। 

हफ्तेभर में चार लोगों गुलदार ने उतारा मौत के घाट

राज्य में गुलदारों के हमले सुर्खियों में रहते हैं। आबादी वाले क्षेत्रों में घुसकर, खेतों में काम कर रहे लोगों के साथ ही वे राहगीरों को अपना शिकार बना रहे हैं। हफ्तेभर के भीतर गुलदार ने चार लोगों को अपना निवाला बना लिया। जनवरी से अब तक की तस्वीर देखें तो वन्यजीवों के हमलों में 27 व्यक्तियों की मृत्यु हुई, जिनमें 14-15 की मौत की वजह गुलदार बने।

इतना ही नहीं दो दर्जन से ज्यादा लोग इस अवधि में गुलदार के हमलों में जख्मी हुए हैं। इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेशभर में गुलदारों का खौफ किस कदर हावी है। अब ऐसे में कुछ इस तरह का कदम उठाए जाने की जरूरत है, जिससे मनुष्य और गुलदार दोनों ही सुरक्षित रहे।

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