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    पर्यटकों के इंतजार में चिरबटिया-केदारनाथ ट्रैक, प्राकृतिक सौंदर्य से भी है लबरेज

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    Updated: Mon, 24 Sep 2018 08:25 AM (IST)

    रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड में चिरबटिया-केदारनाथ ट्रैक नैसर्गिक सौंदर्य और साहसिक पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

    पर्यटकों के इंतजार में चिरबटिया-केदारनाथ ट्रैक, प्राकृतिक सौंदर्य से भी है लबरेज

    रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: समुद्रतल से 13 हजार फीट की ऊंचाई से गुजरने वाला पौराणिक चिरबटिया-केदारनाथ ट्रैकिंग मार्ग साहसिक पर्यटन के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य से भी लबरेज है। लेकिन, पर्यटन विभाग की उपेक्षा के चलते यह ट्रैक पर्यटकों की पसंद नहीं बन पा रहा। हालांकि, बीते ढाई दशक से क्षेत्र के प्रकृति प्रेमी गुलाब सिंह राणा हर साल स्वयं के संसाधनों पर स्थानीय युवाओं इस ट्रैक पर ट्रैकिंग करवा रहे हैं। लेकिन, पर्यटन विभाग उनसे भी सबक लेने को तैयार नहीं। नतीजा, न सिर्फ जखोली क्षेत्र का पर्यटन प्रभावित हो रहा है, बल्कि पर्यटक भी इस मनोहारी ट्रैक का दीदार नहीं कर पा रहे।

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    रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड का खूबसूरत पर्यटक केंद्र चिरबटिया समुद्रतल से सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से पवालीकांठा होते हुए केदारनाथ का पौराणिक ट्रैकिंग मार्ग जाता है। घने जंगलों के बीच से गुजर रहा 76 किमी लंबा यह ट्रैक साहसिक पर्यटन से भरपूर है। इससे चार पड़ाव तय करने के बाद केदारनाथ पहुंचा जाता है। इस दूरी को तय करने में चार दिन लगते हैं।

    पहले दिन पर्यटक चिरबटिया से पटांगणिया होते हुए 15 किमी का सफर तय कर क्वीणी बुग्याल पहुंचते हैं। दूसरे दिन यहां से 16 किमी की दूरी तय कर पवालीकांठा बुग्याल पहुंचा जाता है। तीसरे दिन पवालीकांठा से 23 किमी की दूरी तय कर त्रियुगीनारायण और चौथे दिन त्रियुगीनारायण से 22 किमी की दूरी तय कर केदारनाथ धाम। ट्रैकिंग के दौरान बीच में पटांगणिया, पंवालीकांठा व माटिया बुग्याल पर्यटकों को खूब आनंदित करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत झरनों और रंग-बिरंगे फूलों की आभा भी देखते ही बनती है।

    बावजूद इसके इस ट्रैकिंग रूट के प्रति पर्यटन विभाग की आंखें बंद हैं। जिससे यह शानदार ट्रैक पर्यटकों की नजरों से ओझल है। हालांकि, जखोली विकासखंड के आमकोटी निवासी 74-वर्षीय गुलाब सिंह राणा इस ट्रैक को विकसित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। वह पिछले ढाई दशक से हर वर्ष स्वयं के संसाधनों पर चिरबटिया से केदारनाथ तक ट्रैकिंग करवाते हैं। 

    इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय युवा शामिल होते हैं। लेकिन, लगता नहीं कि उनकी इस पहल को कभी पर्यटन विभाग ने तवज्जो दी हो। इस संबंध में जिला पर्यटन अधिकारी पीके गौतम का कहना है कि जिले में ट्रैकिंग मार्ग विकसित करने के प्रस्ताव शासन में भेजे गए हैं।

    30 गांवों के युवाओं को मिलेगा लाभ

    चिरबटिया-केदारनाथ ट्रैक मार्ग के विकसित होने से जखोली विकासखंड के युवाओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा। विकासखंड की लस्या, बांगर व सिलगढ़ पट्टी के 30 से अधिक गांव इस ट्रैक से जुड़े हैं। जो पर्यटक गतिविधियों के महत्वपूर्ण केंद्र बन सकते हैं।

    शुरू हुई बुरांशकांठा एडवेंचर ट्रैकिंग यात्रा 

    रांशकांठा एडवेंचर क्लब पालाकुराली की पहल पर पर्यटन डेस्टिनेशन केंद्र चिरबटिया से केदारनाथ तक चार-दिवसीय ट्रैकिंग यात्रा शुक्रवार से शुरू हुई। यात्र संयोजक गुलाब सिंह राणा ने बताया कि यात्र 17 सितंबर को विराम लेगी। इसका उद्देश्य देश-दुनिया का ध्यान इस खूबसूरत ट्रैक की ओर आकर्षित करना है।

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