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    रुद्रप्रयाग में 50 जल स्रोत सूखे, पानी को मच रहा हाहाकार

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 30 May 2018 05:20 PM (IST)

    गर्मी बढ़ने के साथ ही रुद्रप्रयाग जनपद में पेयजल संकट गहराने लगा है। पानी के करीब 50 जल स्रोत सूख गए। इसके 80 से अधिक गांवों की 35 हजार की आबादी पेयजल ...और पढ़ें

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    रुद्रप्रयाग में 50 जल स्रोत सूखे, पानी को मच रहा हाहाकार

    रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही पेयजल स्रोत सूखने से जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग समेत तल्ला नागपुर और भरदार क्षेत्र के 80 से अधिक गांवों की 35 हजार की आबादी के सामने पीने के पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है। इनमें से तकरीबन 50 से गांवों में तो हाहाकार मचा हुआ है। हालांकि, जल संस्थान के सात टैंकर संकटग्रस्त गांवों में रोजाना 40 हजार लीटर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। लेकिन, इससे भी सिर्फ सड़क से लगे गांवों को ही पानी मिल पा रहा है।

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    जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है, जिले के दर्जनों गांवों में पानी के लिए हायतौबा मचने लगी है। असल में जिले के लगभग 50 स्रोतों पर जल का स्तर लगभग शून्य हो गया है, जिनसे लगभग सात दर्जन गांवों को जलापूर्ति होती है। ऐसे में इन गांवों के लोग मीलों दूर से स्वयं और मवेशियों के लिए पानी ढो रहे हैं। 

    दूर-दराज के प्राकृतिक स्रोतों पर भी पानी के लिए मारामारी मची हुई है। यही हाल जिला मुख्यालय के अपर बाजार, बेलणी, भाणाधार व गुलाबराय का है। नगर क्षेत्र के लिए प्रतिदिन 2000 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन मिल पा रहा है मात्र 800 एलपीएम। ऐसे में नगरवासियों को पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। 

    यह है पेयजल योजनाओं का हाल

    रौठिया-जवाड़ी पेयजल योजना आठ वर्ष पूर्व स्वीकृत हुई थी, लेकिन आज तक योजना का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया। जबकि, योजना पर 12 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च हो चुकी है। इस योजना से 61 तोक ग्रामों को जलापूर्ति होनी थी। इसी तरह 23 करोड़ की लागत से बनी तल्ला नागपुर पेयजल योजना का भी बुरा हाल है। लीकेज व अन्य दिक्कतों के कारण इस योजना का कोई लाभ क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा। 

    मवेशियों के लिए पानी जुटाना चुनौती

    जल संस्थान की ओर से पांच टैंकर हायर किए गए हैं, जबकि दो टैंकर विभाग के अपने हैं। इनसे सुबह-शाम औसतन 40 हजार लीटर पानी की आपूर्ति होती है। लेकिन, मुश्किल यह है कि यह पानी केवल सड़क से लगे गांवों को ही मिल पा रहा है, जबकि सड़क से दूर स्थित गांवों में स्थिति ज्यादा खराब है। लोगों के सामने सबसे बड़ा संकट मवेशियों के लिए पानी का इंतजाम करना है। 

    इन गांवों में गहराया पेयजल संकट

    भरदार क्षेत्र: घेंघड़खाल, सौराखाल, जवाड़ी, रौठिया, दरमोला, स्वीली सेम, सेमलता, सतनी, क्वीलाखाल, कांडा, नौली, हरियाली, जाखाल आदि। 

    तल्ला नागपुर क्षेत्र: स्यूंड, सतेराखाल, थलासू, सन दरम्वाड़ी, कमेड़ा, तमिंड, सिल्ली, चौकी, बरसिल, मयकोटी, चोपता, बावई आदि। 

    टैंकरों से संकट दूर करने के प्रयास 

    जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह के मुताबिक जिले के जिन गांवों में पानी का गंभीर संकट है, वहां टैंकरों के जरिये पानी पहुंचाया जा रहा है। सड़क से दूर स्थित गांवों में भी पानी के संकट को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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