Pithoragarh: भारी बारिश के बीच पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से महिला की मौत, 200 मीटर खाई में गिरी
जिले में बारिश का दौर जारी है। अभी तक सीमांत में मध्यम बारिश हुई है। इस बारिश में ही दस सड़कें बंद हो गई हैं और अस्सी हजार की आबादी प्रभावित है। तहसील बंगापानी के दारमा गांव में बारिश के दौरान पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो चुकी है। गोल्फा गांव में दो आवासीय मकान खतरे में आ चुके हैं।

जागरण टीम, जाटी, पिथौरागढ़: जिले में बारिश का दौर जारी है। अभी तक सीमांत में मध्यम बारिश हुई है। इस बारिश में ही दस सड़कें बंद हो गई हैं और अस्सी हजार की आबादी प्रभावित है। तहसील बंगापानी के दारमा गांव में बारिश के दौरान पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो चुकी है।
गोल्फा गांव में दो आवासीय मकान खतरे में आ चुके हैं। बारिश से तहसील बंगापानी के दारमा गांव में एक महिला की पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से मौत हो गई। गांव निवासी पुष्पा देवी पत्नी धन सिंह जानवरों को चराने के लिए गांव के पास ही जंगल में गई थी। जानवरों को चराने के दौरान बारिश होने लगी।
बारिश से बचने के लिए पहाड़ के पास बैठी महिला दबी
महिला पहाड़ के पास बचाव के लिए बैठी थी। इसी दौरान पहाड़ी पर भूस्खलन हो गया और मलबा पत्थर गिरने लगे। पहाड़ से गिरे मलबे और पत्थरों की चपेट में महिला आ गई और बोल्डरों के साथ लगभग दो सौ मीटर गहरी खाई में गिर गई और उसकी मौत हो गई। इसकी जानकारी मिलते ही स्वजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और महिला को खाई से निकाला। मृतका के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं।
पहाड़ से पत्थर गिरने को लेकर गांव में दहशत
इस घटना को लेकर घर पर कोहराम मचा हुआ है और गांव में शोक व्याप्त है। वहीं पहाड़ की तरफ से पत्थर गिरने को लेकर दहशत बनी हुई है। ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना तहसील प्रशासन और पुलिस को दी गई। भाजपा नेता भगत सिंह मेहरा ने मृतका के शव का मवानी दवानी में ही पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की। इस मांग पर धारचूला से चिकित्सकों की टीम ने मवानी दवानी पहुंच कर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में मृतका का पोस्टमार्टम किया।
इससे पहले मदकोट पुलिस चौकी के इंचार्ज और राजस्व पुलिस ने महिला के शव का पंचनामा भरा। तहसील बंगापानी के ही गोल्फा गांव में भूस्खलन होने से आंनद सिंह कोरंगा के घर के आंगन की सुरक्षा दीवार ढह गई है। जिसके चलते उसका मकान और बिजली पोल खतरे में आ चुके हैं जिससे परिवार भयभीत है। क्षेत्र में वर्षा होने पर परिवारजन रात को भी जागकर व्यतीत कर रहे हैं।
चेतावनी लेबल के पास पहुंची काली नदी
गांव में ही कुंदन सिंह फर्सवान के मकान के आंगन की दीवार भी ध्वस्त हो चुकी है। उसका आवासीय मकान खतरे में है। जिले के प्रमुख मार्ग यातायात के लिए खूले हैं परंतु दस ग्रामीण सड़कें बंद हैं। दस सड़कें बंद होने से अस्सी हजार की आबादी प्रभावित है। काली नदी चेतावनी लेबल के निकट पहुंंच चुकी है। सभी नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।
जिले की बंद सड़कें
बांसबगड़ - राया बजेता, बांसबगड़ -कोटा पंद्रहपाला, सानदेव -तुर्गोली, डीडीहाट - आदिचौरा- हुनेरा, देवीविसौन- गराली , मेलडुंगरी - मेल्कू , देवलथल -कनालीछीना, छिरकिला -जम्कू बरम -कौली, खेला -गर्गुवा, मसूरीकांठा- होकरा।
कहां कितनी हुई बारिश
तहसील - वर्षा एमएम
- पिथौरागढ़ - 17.20
- गंगोलीहाट - 16.50
- बेरीनाग - 14.60
- डीडीहाट - 8.10
- धारचूला - 3.60
- मुनस्यारी - 7.20
नदियों का जलस्तर
नदी - जलस्तर चेतावनी - लेबल
- काली - 888.90 मीटर - 890 मीटर
- गोरी जौलजीबी - 604.10 मी - 606.80 मी
- गोरी मदकोट - 1212 मी - 1214.10
- सरयू - 446.50 मी - 453

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