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    Uttarakhand Rain: भारी बारिश ने मचाई तबाही, 20 सड़कों पर थमी रफ्तार; चीन बॉर्डर का तीसरे दिन भी संपर्क भंग

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 08:06 PM (IST)

    पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। धारचूला और तेजम तहसीलें सबसे ज्यादा प्रभावित हैं जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। सोबला बाजार में पानी घुसने से नुकसान हुआ है और रास्ते बंद होने से ग्रामीण फंसे हुए हैं। नाचनी में सड़क टूटने और भूस्खलन से कई घर खतरे में हैं।

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    तवाघाट-सोबला-दारमा मार्ग पर तवाघाट से आगे सड़क पर गिर रहा झरना।

    जागरण टीम, पिथौरागढ़। सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की पांच तहसीलों में वर्षा का कहर जारी है। धारचूला और तेजम तहसील क्षेत्र में वर्षा से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। चीन सीमा का सोमवार को तीसरे दिन भी संपर्क भंग रहा।

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    तवाघाट-लिपुलेख, तवाघाट-सोबला, दारमा और मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद होने से पांच दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क कटा हुआ है। टनकपुर-तवाघाट हाईवे अस्कोट और जौलजीबी के मध्य लखनपुर के पास मलबा आने से पांच घंटे तक बंद रहा।

    मुनस्यारी मोटर मार्ग में रतीगाड़ के पास क्षतिग्रस्त हुई सड़क।

    जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग छह घंटे ओर थल-मुनस्यारी मार्ग आठ घंटे बंद रहा। अतिवृष्टि से धारचूला के सोबला में नाले का पानी बाजार तक आ गया। इससे वहां होटलों, दुकानों व मकानों के आगे रखे बर्तन और अन्य सामान सामान बह गया। गांव में रातभर दहशत बनी रही।

    इस बीच व्यास जा रहे ग्रामीण गस्कू में फंसे रहे और पैदल रात को पांगला पहुंचे। धारचूला तहसील में लिपुलेख मार्ग बंद होने से कुटी और नाबी व बडानी में पूजा के लिए जा रहे 40 से अधिक ग्रामीण गस्कू के पास फंस गए। मार्ग नहीं खुलने पर वह पैदल ही पांगला पहुंचे।

    तीस लोगों को पांगला थाना पुलिस अपने वाहन से ले गई और रात को उनके भोजन और रहने की व्यवस्था की। मार्ग में फंसे चालकों को भोजन भी नसीब नहीं हुआ। सोबला-दारमा मार्ग पर सड़क पर झरना बहने लगा। सीमावर्ती मार्ग बंद होने से पांच दर्जन से अधिक गांव अलग-थलग पड़े हैं।

    मुनस्यारी तहसील में चीन सीमा को जोड़ने वाला मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद होने से चीन सीमा का संपर्क भंग रहा। होकरा-नामिक सड़क कई स्थानों पर ध्वस्त होने और मलबा गिरने से बंद है। होकरा में भूसखलन से इंद्र सिंह और बलवंत सिंह के आवासीय मकान खतरे की जद में आ चुके है।

    कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में गस्कू के पास पहाड़ से गिर रहे पत्थर।

    दूरस्थ गांव बौना की सड़क तेज बारिश की भेंट चढ़ गई है। ग्रामीण कई किमी पैदल चल कर गंतव्य तक आ जा रहे हैं। मार्ग बंद होने से बौना, तौमिक, झापुली, गोल्फा व पैना के बच्चों का विद्यालय पहुंचना मुश्किल हो गया है।

    नाचनी में थल-मुनस्यारी मार्ग नाचनी के निकट रातीगाड़ के पास सड़क ध्वस्त होने से आठ घंटे बंद रहा। नाचनी-बांसबगड़ मार्ग सहित क्षेत्र की सभी सड़कें बंद पड़ी हैं। ऐसे में ग्रामीण गांवों में ही फंसे हैं। क्वीटी के वमन गांव में हरीश राम के मकान पर बोल्डर गिरने से मकान ध्वस्त हो गया है।

    इस घटना में हरीश राम घायल हो गया। उसकी पत्नी और बच्चों ने उसे ध्वस्त मकान की खिड़की से बाहर निकाला। ग्राम प्रधान शांति देवी ने राजस्व पुलिस को घटना की सूचना दी और गांव का निरीक्षण किया।

    उधर रामगंगा नदी के कटाव से नाचनी में कई पाली हाउस बह गए हैं। कुछ पालीहाउस हवा में लटके हैं। पेयजल लाइन बहने से गांवों में पेयजल संकट बना है। बंगापानी तहसील का कनार गांव पुल बहने से अलग-थलग पड़ा है।

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