पहली नवरात्रि को माँ पूर्णागिरि धाम में 15 हजार श्रदालुओं ने शीश नवाया, पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगी
पहली नवरात्रि पर पूर्णागिरि धाम में 15 हजार से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए। मंदिर सुबह 4 बजे खुला लेकिन बारिश की वजह से श्रद्धालुओं को परेशानी हुई। मंदिर समिति के अनुसार पिछले साल से इस साल भीड़ कम रही। कलश यात्रा के साथ भागवत कथा भी शुरू हुई जिसमें कृष्ण के जन्म और लीलाओं का वर्णन किया गया।

जागरण संवाददाता, टनकपुर। पहली नवरात्रि को उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ मां पूर्णागिरि धाम में 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर मन्नत मांगी। मंदिर से सुबह चार बजे से ही दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए। रविवार की रात में ही सैकड़ों श्रद्धालु पूर्णागिरि पहुंच चुके थे।
पिछले दिनों अतिवृष्टि से पैदा हुई अव्यवस्थाओं से श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह वाहन न मिलने से पूर्णागिरि टैक्सी स्टैंड मेला क्षेत्र में श्रद्धालु यहां वहां भटकते रहे। पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने बताया कि सुबह 10 बजे तक करीब नौ हजार श्रद्धालु मां के दर्शन कर चुके थे।
पिछले वर्ष की तुलना में पहली नवरात्रि को भीड़ कम रही। पिछले वर्ष पहली नवरात्रि को 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। पहले दिन अधिकांश श्रद्धालु यूपी के लखनऊ, पीलीभीत, बहराइच, पूरनपुर, नबाबगंज सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी आदि स्थानों से पहुंचे।
एसडीएम आकाश जोशी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से शाम आठ बजे बाद ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर तक वाहनों का आगमन बंद कर दिया गया है। सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक ही आवाजाही सुचारू होगी। इधर मंदिर को फूल मालाओं से सजाया गया है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए रात में भी दर्शन के लिए मंदिर खुला रहेगा।
पूर्णागिरि धाम में कलश यात्रा के साथ भागवत कथा शुरू
पूर्णागिरि धाम में सोमवार को कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ हो गया है। महिलाओं ने प्राचीन धूनी स्थल से मंदिर तक कलश यात्रा निकाली। कथा 11 दिन तक चलेगी। दो अक्टूबर को कथा का पारायण होगा। कथा का प्रवचन गिरिशानन्द शास्त्री कर रहे हैं।
पहले दिन उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के प्रकटीकरण, धरती पर उनके अवतार के उद्देश्य तथा बाल लीलाओं का वर्णन किया। इस मौके पर मंदिर समिति अध्यक्ष किशन तिवारी, महेश पांडे, राजेंद्र तिवारी, गिरीश पांडे, इंद्रदेव पांडे, कमलापति पांडे, हेमा तिवारी, ममता तिवारी, गौरी भट्ट, मंजू पांडे आदि मौजूद रहे।
पहले दिन मंदिरों में उमड़ी भीड़, मां शैलपुत्री की पूजा कर मांगा आशीर्वाद
शारदीय नवरात्र के पहले दिन सोमवार को श्रद्धालुओं ने मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी। सुबह पवित्र नदियों में स्नान के बाद मंदिरों में जलाभिषेक किया गया। रामेश्वर और पंचेश्वर के पवित्र घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं और देव डांगरों ने गंगा में स्नान कर देवी-देवताओं के आयुधों को नहलाया।
ऋषेश्वर महादेव मंदिर, देवीधार मां भगवती मंदिर, मां अखिलतारिणी मंदिर, झूमाधुरी मंदिर, सुईं के मां भगवती, आदित्य महादेव, मस्टा मंडाली, गलचौड़ा बाबा मंदिर, भगवती मंदिर, भूमियां व गंगनाथ बाबा मंदिर, काल्दयो मंदिर, नौल देवता, लडीधूरा और मां वाराही मंदिर में सुबह से शाम तक भक्तों की भीड़ रही।
बिशंग के मां कड़ाई देवी मंदिर में दिनभर पूजा-अर्चना का सिलसिला जारी रहा। गुमदेश के चमू मंदिर और बाराकोट ब्लाक के मां वरदायिनी मंदिर में दुर्गा सप्तशती पाठ हुए। पाटी ब्लाक के खेतीखान परघ्यानी मां भगवती मंदिर, एड़ी फटकशिला, मस्टा महादेव, फुटलिंग मंदिर और भागेश्वर मंदिर मां के जयकारों से गुंजायमान रहे। चंपावत के मंदिरों में भी पूजा अर्चना की गई।
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