Move to Jagran APP

भंडारीगांव में एक मकान टूटा तो गिरगांव में चार मकानों में आई दरार

बुधवार रात्रि की भारी बारिश से थल-मुनस्यारी मार्ग में दोनों तरफ स्थित गिरगांव और भंडारीगांव में भूस्खलन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 09:59 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 10:17 PM (IST)
भंडारीगांव में एक मकान टूटा तो गिरगांव में चार मकानों में आई दरार
भंडारीगांव में एक मकान टूटा तो गिरगांव में चार मकानों में आई दरार

संवाद सूत्र, मुनस्यारी: बुधवार रात्रि की भारी बारिश से थल-मुनस्यारी मार्ग में दोनों तरफ स्थित गिरगांव और भंडारी गांव के ग्रामीणों ने सारी जाग कर बिताई। भू कटाव के चलते धंस रहे दोनों गांवों में चार से अधिक मकानों की दीवारों में दरार पड़ चुकी है। एक मकान का आंगन बहने से खतरे में आ गया है। एक मकान ध्वस्त हो चुका है। रात को भारी बारिश और निकट में पहाड़ से हो रहे भूस्खलन से दोनों गांवों की जमीन भी हिलने लगी थी । पहाड़ से गिर रहे बड़े पत्थरों के टकराने की आवाज और भारी बारिश के बीच आकाशीय बिजली की गर्जना से ग्रामीणों सारी रात प्रार्थना करते हुए गुजारी ।

loksabha election banner

बुधवार की रात को इस क्षेत्र में भारी बारिश हुई । भारी बारिश के चलते गिरगांव के पास थल-मुनस्यारी सड़क बहने से खाई बन चुकी है। सड़क के निचले और ऊ परी हिस्से में स्थित गिरगांव और भंडारीगांव पूरी तरह खतरे में आ गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ आसमान से बरसता पानी, आकाशीय बिजली गिरने की गर्जना, निकट में गिरने वाले बिर्थी झरने में जलस्तर बढ़ने से गूंजने वाला शोर तो दूसरी तरफ पहाड़ से गिर रहे बड़े -बड़े पत्थरों के आपस में टकराने से आने वाली भयानक आवाज से दोनों गांवों के ग्रामीण सिहर उठे।

गिरगांव वर्ष 2008 से भारी बारिश और भूगर्भीय हलचलों से धंस रहा है। वहीं भडारी गांव लगभग पूरी तरह धंस चुका है। इस गांव के अधिकांश लोगों को विस्थापन के लिए बिर्थी टीआरसी के निकट जमीन दी गई है। आर्थिक रू प से सबल ग्रामीण तो नए स्थान पर मकान बना कर रहने लगे हैं, परंतु गांव के आधा दर्जन परिवार अति निर्धन हैं जो धंस रहे गांव में ही रहने को मजबूर हैं। उसमें भी बुधवार रात्रि की बारिश से भंडारीगांव निवासी दर्पण सिंह का मकान ध्वस्त हो गया। परिवारजन मौसम के भयानक रंग को देखकर जगे थे। मध्य रात्रि के आसपास जैसे ही मकान हिलने लगा तो घर से बाहर निकल गए।

गिरगांव में कैलाश धर्मशक्तू, चंचल सिंह और नंदी देवी के मकानों की दीवार में दरारें आ गई। नंदी देवी के मकान का आंगन बह गया है और मकान पूरी तरह खतरे में आ चुका है। गांव के अन्य मकानों में भी हल्की दरारें आ गई हैं। बारिश के रंग और गिरगांव के निक ट दरक रहे पहाड़ को लेकर खतरा बना हुआ है। गिरगांव निवासी समाज सेवी भगत सिंह बाछमी का कहना है कि गिरगांव वर्ष 2008 से खतरे में है। गांव लगातार धंस रहा है। ऊपर से इस वर्ष गांव के निकट भारी भूस्खलन हो रहा है। जिसके चलते मुनस्यारी सड़क ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने प्रशासन से दोनों गांवों की स्थिति को देखते हुए राजस्व और भू वैज्ञानिक भेज कर सुरक्षा के कदम उठाने की मांग की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.