तप रहे हैं मैदान तो इस गर्मी बनाइए हिमनगरी का प्लान, मन मोह लेंगी मुनस्यारी की खूबसूरत वादियां
गर्मी से राहत पाने के लिए उत्तराखंड के मुनस्यारी की यात्रा करें। बर्फ से ढकी पंचाचूली चोटियों के मनोरम दृश्यों का आनंद लें। रोमांचक ट्रेकिंग प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक अनुभव के लिए मुनस्यारी एक आदर्श गंतव्य है। इस गर्मी में मुनस्यारी की यात्रा का प्लान बनाएं और अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त करें।

देवेंद्र देवा, पिथौरागढ़ : एक ओर जहां मैदानी इलाके गर्मी से तप रहे हैं वहीं उत्तराखंड में चीन व नेपाल सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में ठंडी बयार बह रही है। सामने पंचाचूली की हिमाच्छादित चोटियां स्वागत कर रहीं हैं।
हिमनगरी मुनस्यारी में पर्यटन सीजन आरंभ हो चुका है जो अक्टूबर-नवंबर तक जारी रहेगा। नगर के पांच से सात किमी के दायरे में खलिया टाप, बिटलीधार में आपको बर्फ भी मिल जाएगी।
वर्तमान में यहां अधिकतम तापमान 18 डिग्री तो न्यनूतम सात डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। इसलिए इस गर्मी में शांत, स्वच्छ और सुरम्य पहाड़ की सैर का प्लान बनाइए और चले आइए हिमनगरी।
उत्तराखंड में नैनीताल, मुक्तेश्वर, मसूरी, रानीखेत, कौसानी के साथ ही अब सुंदर टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन गया है मुनस्यारी। मुनस्यारी पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 130 किमी दूर स्थित है। नगर के शीर्ष पर स्थित खलिया टाप में बर्फ होने से पर्यटक यहां रोमांचक अनुभव ले सकते हैं।

सूर्यास्त और चंद्रोदय के समय ऐसी नजर आती हैं पंचाचूली की चोटियां। सौ. हीरा सिंह
ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए बलाती से खलिया टॉप का छह किमी का ट्रेक भी तैयार है। इस ट्रेक पर विविध प्रकार की वनस्पति, बुरांश के जंगल, राज्य पक्षी मोनाल के साथ करीब सौ से अधिक पक्षी प्रजाति और सुंदर नजारे देखने को मिलेंगे। मुनस्यारी से सुबह नाश्ता कर खलिया जाकर पर्यटक दोपहर का भोजन वापस मुनस्यारी पहुंचकर सकते हैं।
समुद्र तल से नौ हजार फीट तक की ऊंचाई में रहेगी चहलपहल
हिमनगरी मुनस्यारी का सौंदर्य पर्यटकों को खूब भाता है। मुनस्यारी के सामने पंचाचूली का दर्शन अलौकिक माना जाता है। पर्यटकों को होटल, लाज और होमस्टे के कमरों से सुबह बाहर झांकते ही पंचाचूली के विराट दर्शन आकर्षित करते हैं। समुद्र तल से 3400 मीटर की ऊंचाई पर खलिया टॉप है।
वहीं लगभग 9000 फीट की ऊंचाई पर बिटलीधार में ईको पार्क है, जहां पर चारों तरफ विभिन्न लाल, सफेद, नारंगी आदि रंगों वाले बुरांश के फूल पर्यटकों के स्वागत के पूरी तरह खिल चुके हैं।
हिमनगरी के निकट जंगल से गुजरने वाले रास्ते पर मैसुर कुंड, बिटलीधार के निकट स्थित थामरी कुंड, कालामुनि में काली मंदिर, मुनस्यारी में नंदा देवी मंदिर आदि जगहों पर पहुंचते ही प्रकृति और अध्यात्म का संगम नजर आता है।
मुनस्यारी से 22 किमी दूर स्थित मदकोट का गर्म जलकुंड भी जा सकते हैं। इसके अलावा मुनस्यारी आकर आप विश्व प्रसिद्ध मिलम ग्लेशियर तक घूमने का आनंद भी ले सकते हैं। मिलम व नंदा देवी बेस कैंप से सामने त्रिशूल शिखर व हरदेवल चोटियों का अद्भुत नजारा देख सकते हैं।
मई-जून में 60 प्रतिशत आनलाइन बुकिंग
हिमनगरी में पर्यटन सीजन के लिए मई और जून के लिए 60 प्रतिशत तक आनलाइन बुकिंग हो चुकी है। बिटलीधार में ईको पार्क और लाइकेन गार्डन की स्थिति भी यही है। मुनस्यारी में लगभग 50 होटल व लाज तथा 100 होमस्टे हैं। बिटलीधार के ईको पार्क में लकड़ी से निर्मित शानदार हट्स हैं।
मुनस्यारी के बिटलीधार में लकड़ी से निर्मित शानदार हट्स। जागरण
यहां टेंट में ठहरने का आनंद भी ले सकते हैं। मुनस्यारी नगर, खलिया और भुजानी में कुमाऊं मंडल विकास निगम के शानदार पर्यटक आवास गृह (टीआरएच) हैं। यहां रूम लेने के लिए केएमवीएन की वेबसाइट (www.kmv.in/booking) से बुकिंग कर सकते हैं।
ऐसे पहुंचें मुनस्यारी
मुनस्यारी पहुंचने के लिए हल्द्वानी व टनकपुर तक रेल सेवा उपलब्ध है। हल्द्वानी से मुनस्यारी के लिए इस साल सीधी हेलीकाप्टर सेवा भी राज्य सरकार ने शुरू की है। इसके अलावा यदि आप अपने वाहन या टैक्सी से कई अन्य टूरिस्ट प्लेस होते हुए पहुंचना चाहते हैं तो हल्द्वानी से नैनीताल, कौसानी, बागेश्वर, चौकोड़ी होते हुए करीब 330 किमी का रूट है।
मुनस्यारी के बिटलीधार में प्रकृति के बीच ठहरने के लिए बने शानदार हट व टेंट। जागरण
टनकपुर से मुनस्यारी की दूरी 280 किमी और हल्द्वानी से वाया अल्मोड़ा, थल होते हुए यह दूरी 300 किमी हो जाती है। अधिक ऊंचाई पर होने के चलते यहां आएं तो एक-दो जोड़ी गर्मी कपड़े भी लेकर आएं। खान-पान में यहां होटल व होम स्टे में मुनस्यारी की प्रसिद्ध राजमा, पल्थी(उगल) की रोटी, बिच्छू घास की सब्जी के अलावा गहत व भट की दाल का स्वाद भी मिलेगा।
मई में खुलेंगे आदि कैलास के द्वार
पिथौरागढ़ जिले की सीमांत तहसीलों में मुनस्यारी के बाद दूसरी धारचूला है। अब दो मई से आदि कैलास व ओम पर्वत की यात्रा भी शुरू होने वाली है। ऐसे में पर्यटक टूर पैकेज बनाकर मुनस्यारी के साथ ही धारचूला में भक्ति व अध्यात्म की अनुभूति भी ले सकते हैं। मुनस्यारी से धारचूला, वाइब्रेंट विलेज गुंजी होते हुए आदि कैलास की दूरी 124 किमी है। गुंजी से ओम पर्वत भी मात्र 28 किमी दूर है।

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