Champawat News: अमृत है उत्तराखंड की ये स्पेशल सब्जियां, खाने से दूर रहती हैं डायबिटीज जैसी बीमारियां
Champawat News इन दिनों पहाड़ी सब्जियों का डिमांड बढ़ रही है। चंपावत जिले के बाजार पहाड़ी सब्जियों से गुलजार होने लगे हैं। इम्युनिटी बढ़ाने वाली सब् ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, लोहाघाट। मौसम में हल्की ठंड के साथ ही चंपावत जिले के बाजार पहाड़ी सब्जियों से गुलजार होने लगे हैं। इम्युनिटी बढ़ाने वाली सब्जियों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। अदरक, मूली, गडेरी, पिंडालू के साथ ही अन्य सब्जियों की सप्लाई मैदानी क्षेत्रों में हो रही है। सब्जियों की मांग से पहाड़ी काश्तकारों के चेहरे भी खिल उठे हैं।
लोहाघाट बाजार में गांवों से गडेरी, पिड़ालू, अदरक, गेठी आदि सब्जियां बड़े पैमाने पर आ रही हैं। स्थानीय व्यापारी थोक के भाव उत्पाद खरीदकर टनकपुर, बनबसा, हल्द्वानी, खटीमा, पीलीभीत पहुंचा रहे हैं। स्वाला, सूखीढांग आदि क्षेत्रों से लोग गडेरी खरीदकर ले जा रहे हैं। स्थानीय लोग भी चाव से पहाड़ी सब्जी खरीद रहे हैं।
चंपावत में होती है इन सब्जियों की खेती
चंपावत के सूखीढांग, स्वाला, चल्थी, नेपाल सीमा से लगे पंचेश्वर क्षेत्र, बाराकोट के बर्दाखान, बिसराड़ी आदि दर्जनों गांवों में प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा में सब्जी उत्पादन होता है, खासकर यह क्षेत्र अदरक और गडेरी उत्पादन के लिए जाने जाते हैं। गडेरी और पिड़ालू की सब्जी जहां स्वादिष्ट होती है वहीं इसकी तासीर भी गर्म रहती है। यही कारण है कि इन सब्जियों की मांग काफी अधिक रहती है। मडुवे की रोटी के साथ इनका जायका और अधिक बढ़ जाता है।
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प्रवासी भी भरकर लेकर जा रहे सब्जियां
सूखीढांग के दुकानदार मोहन नेगी, बेलखेत के प्रकाश सिंह, संजय सिंह, चल्थी के सोहन सिंह, दीवान सिंह, हरीश सिंह ने बताया कि दीपावली पर्व के बाद जयपुर, अहमदाबाद, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, देहरादून, हरिद्वार व अन्य मैदानी क्षेत्रों को जाने वाली प्रवासी भी भर-भरकर सब्जियां ले जा रहे हैं। चंपावत जिले के अमोड़ी, स्वाला, बेलखेत, चल्थी, सिन्याडी, सूखीढांग आदि क्षेत्रों में सबसे अधिक गडेरी, पिड़ालू व अदरक का उत्पादन होता है। यहां के काश्तकार इस सीजन में सब्जी बेचकर अच्छी आमदनी अर्जित करते हैं।
बाजार में पहाड़ी सब्जियों के दाम
सब्जी - बाजार भाव
गडेरी - 30 रुपये किलो
पिड़ालू - 30 रुपये किलो
अदरक - 100 रुपये किलो
पहाड़ी मूली - 15 से 25 रुपये किलो

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