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    दो माह से पानी को तरस गएपल्याल के ग्रामीण

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 08 Apr 2017 03:29 PM (IST)

    संवाद सूत्र, गंगोलीहाट: ग्राम पंचायत पोखरी के अंतर्गत आने वाले पल्याल गांव के ग्रामीण दो माह से पेयज

    दो माह से पानी को तरस गएपल्याल के ग्रामीण

    संवाद सूत्र, गंगोलीहाट: ग्राम पंचायत पोखरी के अंतर्गत आने वाले पल्याल गांव के ग्रामीण दो माह से पेयजल संकट झेल रहे हैं। गांव में आने वाली पाइप लाइन से अवैध संयोजन दिए जाने से यहां तक पानी नहीं पहुंच रहा है। घरेलू पानी को होटल व्यवसायियों को दे दिया गया है। ग्रामीणों ने इसके लिए ग्राम प्रधान को जिम्मेदार ठहराते ग्राम पंचायत की खुली बैठक बुला कर पानी पंचायत की मांग की है।

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    पोखरी, चौपाता , पल्याल गांव के लिए वर्ष 1972 में पेयजल योजना बनी थी। तभी पल्याल गांव के ग्रामीणों ने संयोजन के लिए आवेदन किया था। बीस वर्ष बाद वर्ष 2002 में जब इस पाइप लाइन बिछाई गई तब जाकर ग्रामीणों को संयोजन मिला। ग्रामीणों को केवल दस साल तक पानी मिला। वर्ष 2012-13 में योजना का स्वैप के तहत पुनर्गठन किया गया। पुनर्गठन के कार्य में कुछ स्थानों पर नई पाइप डाली गई। बाकी पुरानी पाइप ही बिछाई गई। पल्याल गांव के लिए जिस स्थान से पाइप लाइन बिछाई गई वहां पर सड़क निर्माण से 15 मीटर पाइप लाइन मिट्टी में दो मीटर नीचे दब गई है। पल्याल गांव के ग्रामीण अपनी पेयजल लाइन शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं। ग्राम प्रधान पोखरी इसे अनसुना कर रहे हैं। इधर, पल्याल गांव के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान से लाइन से अवैध और अतिरिक्त जल संयोजन देने पर नाराजगी जताई। आरोप लगाया कि प्रधान पानी की कमी बताकर ग्रामीणों से झूठ बोल रहे हैं। आरोप है कि प्रधान ने अपने घर में दो जल संयोजन लिया है। कहा कि गांव में आने वाले पानी को बीच में रोकर राममंदिर क्षेत्र में होटलों को दिया जा रहा है। घरेलू पानी का उपयोग नियमों को ताक पर रख कर व्यवसाय के लिए किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव की पेयजल योजना में दो माह से एक बूंद पानी नहीं मिला है। जबकि विद्यालय भवन का निर्माण करने वाले ठेकेदार द्वारा मूल स्रोत से 800 मीटर तक पाईप बिछाकर उनके पानी पर डाका डाला जा रहा है।