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    Uttarakhand में मिली रहस्‍यमयी गुफा, बताई जा रही तिब्बत से ईरान तक के सिल्क रूट का हिस्सा!

    Uttarakhand Mysterious Cave उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की डीडीहाट तहसील के गोबाराड़ी गांव में एक रहस्यमयी गुफा की खोज हुई है। माना जा रहा है कि यह गुफा कत्यूरी राजवंश या बम शासनकाल से जुड़ी हो सकती है। गुफा के भीतर बने चित्र उस दौर की कहानी बयां कर रहे हैं। पुरातत्व विभाग की टीम आज गुफा का निरीक्षण करने पहुंचेगी।

    By ramesh garkoti Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 05 Feb 2025 09:03 PM (IST)
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    Uttarakhand Mysterious Cave: रहस्‍यमयी गुफा मिली। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण, थल । Uttarakhand Mysterious Cave: डीडीहाट तहसील के गोबाराड़ी गांव में एक ऐतिहासिक गुफा प्रकाश में आई है। गुफा का काल कत्यूर राजवंश या बम शासनकाल से जुड़ा माना जा रहा है। जिस क्षेत्र में यह गुफा मिली है वह सिल्क रूट का हिस्सा रहा है। पुरातत्व विभाग की टीम आज गुफा का निरीक्षण करने गांव पहुंचेगी।

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    काफल हिल की टीम तरूण मेहरा की अगुवाई में गोबाराड़ी गांव से लगी ऊंची चट्टानों पर ट्रेकिंग कर रही थी। टीम को जंगल में एक गुफा दिखाई दी। 100 मीटर लंबी सुरंग में कई चित्र बने हुए हैं।

    गुफा मिलने की जानकारी पर कई स्थानीय लोग भी गुफा देखने पहुंचे। काफल हिल के संस्थापक तरूण मेहरा का कहना है कि गुफा के भीतर जिस तरह के चित्र बने हुए हैं वह कत्यूरी शासनकाल या उसके बाद बम शासनकाल के प्रतीत हो रहे हैं।

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    तिब्बत से ईरान तक के सिल्क रूट का हिस्सा है यह क्षेत्र

    गुफा का आकार इतना है कि इसमें एक समय में दर्जनों लोग छुप सकते हैं। जिस क्षेत्र में गुफा मिली है वह तिब्बत से ईरान तक के सिल्क रूट का हिस्सा भी है। संभवतया इस रूट से व्यापार करने वाले व्यापारियों ने लुटेरों से बचने के लिए इस गुफा का निर्माण कराया हो। इस गुफा के काल का पता गुफा की कार्बन डेटिंग से लग सकेगा।

    उन्होंने कहा कि इस पूरे क्षेत्र के पुरातात्विक अध्ययन से कई ऐतिहासिक तथ्य सामने आ सकते हैं। गोबाराड़ी के ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान पर गुफा मिली है उसके पास ही प्राचीन शिव मंदिर भी बना हुआ है। लोगों को उम्मीद है कि गुफा के प्रकाश में आने के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

    गुफा के बीचों बीच बना है कुआं

    • गोबाराड़ी गांव में मिली 100 मीटर लंबी गुफा का पहला 30 मीटर हिस्सा संकरा है। यह करीब ढाई से तीन फुट चौड़ा है।
    • अगले 30 मीटर हिस्से में एक कुआं बना हुआ है। यह पहले हिस्से की तुलना में अधिक चौड़ा है।
    • अंतिम 40 मीटर हिस्सा दो से तीन मीटर तक चौड़ाई का है।
    • अंतिम भाग दो से तीन मीटर तक चौड़ा और इतना ही ऊंचा है।
    • अंतिम भाग की निकासी को पत्थरों से पाटा गया है।
    • गुफा स्थल के आसपास कुछ पुराने मकानों के खंडहर भी हैं।

    डीडीहाट तहसील के गोबाराड़ी गांव में गुफा मिलने की जानकारी मिली है। गुरुवार को पुरातत्व विभाग की टीम गांव पहुंचकर निरीक्षण करेगी। गुफा का संबंध किसी राजवंश से हो सकता है। जरूरत पड़ने पर कार्बन डेटिंग कराई जाएगी। जल्द ही गुफा के कालखंड का पता लगेगा। - डा. चंद्र सिंह चौहान, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, अल्मोड़ा

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