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    Uniform Civil Code: लिव इन रिलेशन रजिस्‍ट्रेशन को लेकर बड़ा अपडेट, हर जोड़े को नहीं देना होगा ये सर्टिफि‍केट

    Uniform Civil Code प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू हो चुकी है। इसमें लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए धर्म गुरु के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। केवल प्रतिषिद्ध रिश्तों वाले मामलों में ही यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सामान्य तौर पर उत्तराखंड में ऐसे रिश्तों में विवाह करने वाले लोग बहुत कम हैं।

    By Vikas gusain Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 31 Jan 2025 01:58 PM (IST)
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    Uniform Civil Code: हर पंजीकरण पर धर्म गुरु के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता के अंतर्गत लिव इन रिलेशन के हर पंजीकरण पर धर्म गुरु के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।

    ऐसा केवल उन मामलों में करना होगा, जिसमें लिव इन में पंजीकरण चाहने वाले जोड़ों के बीच कोई पूर्व का रिश्ता हो और वह रिश्ता उस श्रेणी में आता हो, जिनके बीच विवाह प्रतिषिद्ध है।

    ऐसे रिश्तों को संहिता की प्रथम अनुसूची की सूची एक में रखा गया है। सामान्य तौर पर उत्तराखंड में इस तरह के रिश्तों मे विवाह करने वाले लोग बहुत कम हैं। धर्म गुरुओं द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र के प्रारूप में भी इसका स्पष्ट जिक्र किया गया है।

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    लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य

    प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू हो चुकी है। इसमें लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इस बीच यह चर्चा चली कि लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण के लिए धर्म गुरुओं का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस पर समान नागरिक संहिता नियमावली समिति के सदस्य मनु गौड़ ने इस पर स्थिति स्पष्ट की है।

    उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता के अंतर्गत लिव इन के पंजीकरण के समय सिर्फ निवास, जन्म तिथि, आधार और किरायेदारी के मामले में किरायेदारी से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

    इसके अलावा जिन लोगों का पहले तलाक या विवाह विच्छेद हो चुका है, उन्हें लिव इन में आने से पहले विवाह विच्छेद का कानूनी आदेश प्रस्तुत करना होगा। जिनके जीवन साथी की मृत्यु हो चुकी है या जिनका पूर्व में लिव इन रिलेशनशिप समाप्त हो चुका है, उन्हें भी इससे संबंधित दस्तावेज पंजीकरण के समय देने होंगे।

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    केवल इन मामलों में देना होगा संबंधित दस्तावेज

    उन्होंने धर्म गुरुओं से रिश्ता प्रमाणित होने से संबंधित दस्तावेज की अनिवार्यता पर स्पष्ट किया कि ऐसा सिर्फ उन्हीं मामलों में करना होगा, जिसमें लिव इन पंजीकरण चाहने वाले जोड़ों के बीच में कोई पूर्व का रिश्ता हो और यह रिश्ता अनुसूची एक की प्रतिषिद्ध श्रेणी में आता हो।

    उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत पंजीकरण में एक प्रतिशत से भी कम मामलों में इसकी जरूरत पड़ेगी। जिन समाज में प्रतिषिद्ध श्रेणी के रिश्तों में विवाह होता है, वे भी धर्म गुरुओं के प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य किसी के पंजीकरण को रोकने की जगह उसे पंजीकरण में सहायता प्रदान करना है।