Possitive India: लॉकडाउन के दौरान बंजर खेतों को संवारने में जुटी महिलाएं
वर्तमान समय में जहां पूरा देश लॉकडाउन खुलने के इंतजार में है वहीं पोखड़ा प्रखंड के ग्राम कोला की महिलाएं इन दिनों गांव की बंजर जोत को आबाद करने में जुटी हुई हैं।
कोटद्वार, जेएनएन। वर्तमान समय में जहां पूरा देश लॉकडाउन खुलने के इंतजार में है, वहीं पोखड़ा प्रखंड के ग्राम कोला की महिलाएं इन दिनों गांव की बंजर जोत को आबाद करने में जुटी हुई हैं। ग्रामीण महिलाओं ने प्रथम चरण में बंजर हो चुकी दस बीघा भूमि को उपजाऊ बनाने का बीड़ा उठाया है।
कोरोना संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन है, जिसका सीधा असर लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है। मैदानी क्षेत्रों से बड़ी तादाद में लोग अपने घरों की ओर लौट चुके हैं। ऐसे में पोखड़ा प्रखंड में कार्य कर रही श्री मां गायत्री सेवा समिति ने गांव वापस लौटे इन युवाओं व महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का बीड़ा उठाया।
प्रयास सफल रहे व समिति के प्रयासों से प्रखंड के ग्राम कोला में युवाओं व महिलाओं ने दशकों से बंजर पड़े अपने खेतों को उपजाऊ बनाने की तैयारी शुरू कर दी। ग्राम कोला में क्षेत्र पंचायत सदस्य पुष्पा देवी व ग्राम प्रधान किरण बिष्ट ने इस मुहिम में बढ़-चढ़कर भागीदारी की। नतीजा, सभी ने मिलकर गांव की बंजर पड़ी दस बीघा भूमि में उगी झाड़ियों को काट दिया है व अब इस भूमि पर हल चलाने की तैयारी की जा रही है, ताकि खेती की जा सके।
प्रीति देवी, पिंकी नेगी, रोशनी, अनिल बिष्ट, दिनेश कुमार, मुकेश, रौनक, राहुल अनिल जुयाल, हर्षपाल आदि ने बताया कि रोजगार की कमी के कारण गांव खाली हुए और पलायन हुआ। जब कोरोना संक्रमण आया तो गांव की ही याद आई। बगैर समय बिताए हम गांव वापस लौट आए। हमें सुकून है कि हम अपने गांव में पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना संक्रमण समाप्त होता है, गांव की बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर हम अपने गांव को कृषि में आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेंगे।
अज्ञात बीमारी की चपेट में गेहूं की फसल
हेंवलघाटी के नागणी व उसके समीपवर्ती गांवों में गेहूं की फसल अज्ञात बीमारी की चपेट में है। इस बीमारी के कारण गेहूं की बालियां काली पड़ रही हैं और अंदर दाना राख जैसा हो रहा है। किसानों ने बीमारी से फसल का बचाव करने की मांग की है।
टिहरी जनपद के नागणी व उसके आस-पास के गांव में गेहूं की फसल पर अज्ञात बीमारी लग गई है। किसान राजेंद्र सिंह, विनोद सिंह आदि का कहना है कि इस बार सर्दियों में लगातार बारिश होने के कारण गेहूं की अच्छी फसल होने की उम्मीद थी।
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गेहूं पकने ही वाला था, लेकिन फसल अचानक बीमारी से ग्रसित हो गई है। सिंचित व असिंचित दोनों जगह के खेतों में गेहूं की फसल इस बीमारी की चपेट में है। इस बारे में कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी वीडी वर्मा का कहना है कि शायद ज्यादा बारिश के कारण यह हो रहा है।
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