कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे डॉक्टर का किया अभूतपूर्व स्वागत
पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गोविंद पुजारी भी अपने स्वागत से अभिभूत हो गए।
श्रीनगर गढ़वाल, जेएनएन। नेताओं और सेलेब्रिटी के लिए ये दृश्य आम हो सकते हैं, लेकिन एक डॉक्टर का ऐसा स्वागत अभूतपूर्व ही कहा जाएगा। सोमवार को पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गोविंद पुजारी भी अपने स्वागत से अभिभूत हो गए।
आठ साल पहले डॉ. गोविंद पुजारी श्रीनगर के इसी अस्पताल में तैनात थे। इसके बाद उनका स्थानांतरण हो गया। वर्तमान में वह देहरादून स्थित कोरोनेशन अस्पताल में कार्यरत थे, लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से श्रीनगर स्थानांतरण करने का आग्रह किया। सोमवार को वह कार्यभार ग्रहण करने श्रीनगर पहुंचे तो बड़ी संख्या में लोग उनके स्वागत को पहुंच गए। डॉ. पुजारी के पहुंचते ही लोगों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया तो महिलाओं ने बाकायदा उनकी नजर भी उतारी। कई बुजुर्ग महिलाएं और पुरुषों ने उन्हें आशीष से नवाजा। जनता की भावनाओं से अभिभूत डॉ. पुजारी ने कहा कि 'लोगों का प्रेम और स्नेह देखकर मैं अभिभूत हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि मैं उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतर सकूं।'
श्रीनगर में गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेमबल्लभ नैथानी ने कहा कि पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। डॉक्टर पहाड़ चढ़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में डॉ. पुजारी के आने से क्षेत्र के लोगों में आस जगी है। प्रगतिशील जन मंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी और बीएसएनएल कर्मचारी नेता पीबी डोभाल ने कहा कि इस दौर में जब पहाड़ से हर डाक्टर देहरादून या हरिद्वार की पोस्टिंग चाहता है, ऐसे में डा. गोविंद पुजारी का देहरादून से श्रीनगर आना एक नजीर ही है। उन्होंने कहा कि डॉ. पुजारी की पत्नी डा. संध्या पुजारी भी देहरादून में ही कार्यरत हैं। परिवार दून में ही है। इसके बावजूद उन्होंने श्रीनगर आने को प्राथमिकता दी, जो अन्य डाक्टरों के लिए भी एक सबक है।
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पौड़ी जिले में डॉक्टरों के आधे पद रिक्त
पौड़ी जिले चिकित्सकों के आधे पद रिक्त हैं। जिले में जिले में चिकित्सकों के कुल स्वीकृत पद 343 पदों के सापेक्ष महज 176 चिकित्सक ही तैनात हैं। श्रीनगर के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद रिक्त चल रहा है। यहां तक कि अस्पताल में सात इमरजेंसी मेडिकल अफसर के पद हैं, लेकिन तैनाती सिर्फ तीन पर ही है। अस्पताल में पैथोलॉजिस्ट तक नहीं है।

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