सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा उत्तराखंड का एनआइटी, पढ़िए पूरी खबर
एनआइटी के संचालन को लेकर अब कोई संशय नहीं रह गया है। शनिवार को सुमाड़ी में एनआइटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया गया।
श्रीनगर(गढ़वाल), जेएनएन। उत्तराखंड में एनआइटी के संचालन को लेकर अब कोई संशय नहीं रह गया है। शनिवार को पौड़ी जिले के प्रमुख शहर श्रीनगर से करीब बीस किलोमीटर सुमाड़ी में एनआइटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया गया। प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में हुए इस समारोह में एनआइटी को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा भी की गई। वहीं, एनआइटी शिलान्यास को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार पर निशाना साधा है।
श्रीनगर में अस्थायी कैंपस में संचालित होने की वजह से कुछ अरसा पहले तक एनआइटी को लेकर ऊहापोह की स्थिति थी। इसे अन्यत्र शिफ्ट करने की भी अटकलें लगीं, लेकिन पिछले दिनों मानव संसाधान मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया था कि एनआइटी कहीं शिफ्टिंग नहीं की जाएगी। शनिवार को शिलान्यास के साथ ही केंद्र सरकार के इस फैसले पर मुहर लग गई। राज्य सरकार लगातार केंद्र पर इसके लिए दबाव बनाए हुए था। शिलान्यास के मौके पर श्रीनगर के जीआइटीआइ मैदान पर आयोजित समारोह में प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रौद्योगिकी संस्थान देश के भविष्य को बनाते हैं। सुमाड़ी में एनआइटी के बनने से क्षेत्र की जनता को लाभ मिलने के साथ ही विकास के रास्ते भी खुलेंगे। उन्होंने निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी पर जोर दिया।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि एनआइटी उत्तराखंड श्रेष्ठ मॉडल के रूप में भी स्थापित होगा, इसके माध्यम से श्रीनगर गढ़वाल की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाया जाएगा। लगभग एक हजार करोड़ की लागत से दो साल में एनआइटी का का स्थायी परिसर बनकर तैयार हो जाएगा। इसका परिसर 310 एकड़ का विस्तार लिए होगा। उन्होंने सुमाड़ी में केंद्रीय विद्यालय खोलने की भी घोषणा की। प्रदेश सरकार के भूमि उपलब्ध कराते हुए इसके लिए 25 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लगभग एक हजार करोड़ की लागत से दो साल में सुमाड़ी में एनआइटी तैयार हो जाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एनआइटी को लेकर अब किसी को भी किसी भी प्रकार का कोई संशय नहीं होना चाहिए। उत्तराखंड शिक्षा की राजधानी के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि एनआइटी में पेयजल संबंधी कार्यों के लिए 20 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए गए हैं। एनआइटी परिसर की आंतरिक सड़कें भी प्रदेश सरकार बनाएगी। प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. धन सिंह रावत ने एनआइटी के लिए जमीन मुहैया कराने वाले मंत्रालयों का आभार जताया। अध्यक्षता करते हुए गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि एनआइटी के जो छात्र जयपुर गए हैं वह भी वापस आएंगे।
देश विदेश गए सुमाड़ी वासियों को वापस आने का रैबार
सुमाड़ी से देश विदेश गए लोगों को अब वापस सुमाड़ी आने का रैबार केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सुमाड़ी की धरती से दिया। सुमाड़ी में एनआइटी के शिलान्यास समारोह को गढ़वाली भाषा में संबोधित करते हुए उन्होंने सुमाड़ी को साधना स्थल भी बताते हुए कहा कि सुमाड़ी के लोग देश विदेश में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। उन्हें भी अब वापस सुमाड़ी आना चाहिए। स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत मंगलगान को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय मंत्री डॉ. निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा भी भरपूर सराहा गया। इंद्रमोहन काला ने ग्रामीणों की ओर से अतिथियों का अभिनंदन किया।
प्रत्येक ब्लाक में एक केंद्रीय विद्यालय का प्रयास
गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गढ़वाल क्षेत्र में हर ब्लाक स्तर पर कम से कम एक केंद्रीय विद्यालय की स्थापना को लेकर वह प्रयासरत हैं। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री डॉ. निशंक से पुरजोर अनुरोध भी किया है। गढ़वाल क्षेत्र में छोटे उद्योगों के विस्तार को भी प्राथमिकता दी जा रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सुमाड़ी में एनआइटी के स्थायी परिसर का निर्माण कार्य शुरू कर भाजपा और प्रदेश सरकार ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि प्राण जाए पर वचन न जाए। पहाड़ से एनआइटी को ले जाने का षड्यंत्र भी भाजपा सरकार ने सफल नहीं होने दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि लोकसभा विधानसभा चुनाव की भांति प्रदेश में पंचायत चुनाव में भी भाजपा का परचम लहरा रहा है।
एनआइटी के छात्रों को तीस लाख तक का पैकेज
एनआइटी उत्तराखंड श्रीनगर के 74 छात्रों का इस वर्ष अब तक कैंपस प्लेसमेंट हो चुका है। एनआइटी निदेशक प्रो. श्यामलाल सोनी ने कहा कि इन छात्रों को पांच लाख से लेकर 30 लाख तक के पैकेज में नियुक्तियां मिली हैं। एनआइटी उत्तराखंड श्रीनगर के छात्र देश ही नहीं वरन विदेश में भी परचम लहरा रहे हैं। प्रो. सोनी ने कहा कि बीटेक तृतीय वर्ष सिविल इंजीनियरिंग के दो छात्र श्रेय गुप्ता और रजनीश कुमार का चयन स्टूडेंट रिसर्च मोविलिटी प्रोग्राम कनाडा के लिए भी हुआ है।
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प्रधानमंत्री अनुसंधान छात्रवृत्ति 2018 के लिए एनआइटी श्रीनगर के बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र रोहित ङ्क्षसह नितवाल को चुना गया है। एनआइटी निदेशक प्रो. सोनी ने कहा कि वर्ष 2018 की परीक्षा में संस्थान की नमिता कालरा ने कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में आल इंडिया प्रथम रैंक भी प्राप्त की है। जबकि हारुन अंसारी को 48 वां स्थान मिला। एनआइटी छात्रों की उपलब्धियों को बताते हुए प्रो. श्यामलाल सोनी ने कहा कि गेट परीक्षा में भी एनआइटी के छात्र सफलता के झंडे लहरा रहे हैं। अकेले सिविल डिपार्टमेंट में इस वर्ष 26 छात्रों ने गेट इग्जाम क्वालीफाई किया है।
पूर्व सीएम हरीश रावत के निशाने पर सरकार
वहीं, पूर्व सीएम ने इसको लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, हमारे राज्य में एक बहुत चिंताजनक प्रेक्टिस शुरू हो गई है। अगर पूर्ववर्तीय सरकार ने कोई काम स्वीकृत किया है, तो उसको बंद कर दो और अगर पूर्ववर्तीय मुख्यमंत्री ने कोई शिलान्यास किया है, तो उस शिलान्यास को विवाद में डाल दो और उसके बाद फिर से उसका नए सिरे शिलान्यास कर वाह-वाही लूटने का काम करो। उन्होंने कहा, एनआइटी श्रीनगर का हमने 2014 में केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शिलान्यास किया और भूमि दिलवाई। लेकिन इसे जानबूझ कर विवाद में डाला गया।
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