Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Nikay Chunav: चाय बेचने वाली लड़की ने भाजपा प्रत्याशी को दी पटकनी, आखिर क्या है जीत का कारण?

    श्रीनगर गढ़वाल के वार्ड 21 से अंजना रावत ने पार्षद पद का चुनाव जीतकर नई मिसाल पेश की। तीलू रौतेली सम्मानित और एमए एमएसडब्ल्यू उत्तीर्ण अंजना ने भाजपा की वरिष्ठ नेत्री प्रमिला भंडारी को हराया। पिता की चाय की दुकान संभालते हुए परिवार की जिम्मेदारियां उठाईं। स्थानीय लोगों के सहयोग से चुनाव जीतने वाली अंजना की शालीनता उनकी सफलता का आधार रही।

    By Nand kishore khanduri Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 25 Jan 2025 07:54 PM (IST)
    Hero Image
    वार्ड नंबर 21 से पार्षद बनीं अंजना रावत

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर गढ़वाल में पुराने पीएनबी रोड पर चाय की दुकान का संचालन कर रही और तीलू रौजेली सम्मान से सम्मानित अंजना रावत पार्षद बन गई हैं। नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 21 से पार्षद पद का चुनाव लड़ी, जिसमें उन्होंने पूर्व सभासद और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री प्रमिला भंडारी को पटकनी देते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कविता रमोला को 92 वोटों से हराकर यह मुकाम हासिल किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंजना को 272 वोट मिले। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली अंजना रावत के पिता का वर्ष 2011 में देहांत हो गया था। पिता के निधन के बाद अंजना के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ गयी। पिता के देहांत के बाद अंजना ने अपने पिता की चाय की दुकान का संचालन शुरू किया।

    पिता के देहांत के बाद संभाली जिम्मेदारी

    परिवार का भरण पोषण करते हुए उसने अपने भाई की पढ़ाई का खर्च एवं बहन की शादी भी इसी चाय की दुकान का संचालित करते हुए की। तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित और एमए उत्तीर्ण अंजना रावत अब चाय की दुकान से राजनीति के मुकाम तक पहुंची हैं। नगर निगम श्रीनगर के पहले चुनाव में वह पार्षद पद पर विजयी हुई हैं।

    कितनी शिक्षित हैं अंजना? 

    राजनीति के मुकाम पर पहुंची अंजना उच्च शिक्षित भी हैं। एमए और एमएसडब्ल्यू उत्तीर्ण अंजना की शालीनता ही उसकी इस उपलब्धि का मुख्य कारण भी है। जिस स्थल पर वह चाय की दुकान संचालित करती है उसी क्षेत्र से वह पार्षद भी बनी हैं।   क्षेत्र के लोगों ने उसे पार्षद चुनाव लड़ने को प्रोत्साहित किया।

    इस चुनाव में स्थानीय लोग ही उसकी मजबूत ढाल भी बने। उसके चुनाव खर्च से लेकर उसके पक्ष में वोट कर उसे इस मुकाम तक पहुंचाने में स्थानीय लोगों ने अहम भूमिका भी अदा की। यही कारण रहा कि पूर्व पालिका सभासद और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री प्रमिला भंडारी उनसे चुनाव हार गयीं। 

    ये भी पढे़ं - 

    Uttarakhand Nikay Chunav Result: निर्दलीयों का दबदबा, यहां भाजपा को मिली हार; गजा में अध्यक्ष भी निर्दलीय जीते