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दो आतंकी गुलदारों को पिंजरे में किया कैद, लोगों ने ली राहत की सांस

पौड़ी जिले में आतंक का पर्याय बन चुके दो गुलदारों को पिंजरे में कैद कर लिया गया है। गुलदारों के पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 08:38 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 05:30 PM (IST)
दो आतंकी गुलदारों को पिंजरे में किया कैद, लोगों ने ली राहत की सांस
दो आतंकी गुलदारों को पिंजरे में किया कैद, लोगों ने ली राहत की सांस

पौड़ी गढ़वाल, [जेएनएन]: श्रीनगर से लगभग नौ किमी दूर बसोल्यूं गहड़ में अपने आतंक का पर्याय बन चुकी मादा गुलदार बुधवार रात पिंजरे में कैद हो गई। वहीं चौबट्टाखाल तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सुंदराई में भी गुरुवार तड़के एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। 

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वन विभाग ने बसोल्यूं में गदेरे के समीप उसी स्थान पर पिंजरा लगाया था। जहां मंगलवार को गुलदार ने दिनदहाड़े महिला पर हमला कर घायल कर दिया था। वन विभाग के रेंजर अनिल भट्ट ने कहा कि पिंजरे में कैद हुई मादा गुलदार की उम्र करीब आठ साल है। माना जा रहा है कि जो अन्य गुलदार दिखाई दे रहे हैं वह इसी मादा गुलदार के परिवार के सदस्य हैं। गहड़ के प्रधान राकेश भंडारी ने कहा कि क्षेत्र में अभी भी दो गुलदार घूम रहे हैं। उन्होंने इन गुलदारों को पकड़ने के लिए वन विभाग बसोल्यूं में पिंजरा लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि बुधवार गुलदार ने तल्ली बसोल्यूं में देवेश्वरी देवी की गाय का बछड़ा भी मार दिया था।  

बता दें कि मंगलवार सुबह एक गुलदार ने बसोल्यूं में ममता देवी समीप के गदेरे में कपड़े धोने के दौरान हमला कर दिया था। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने करीब डेढ़ वर्षीय हमलावर गुलदार को लाठी डंडों और पत्थरों से मार दिया था। उस समय भी प्रधान राकेश भंडारी और ग्रामीणों का कहना था कि इस गुलदार के साथ ही दो अन्य गुलदार भी क्षेत्र में दिखाई दे रहे हैं। 

एक और गुलदार पिंजरे में हुआ कैद

चौबट्टाखाल तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सुंदराई में गुरुवार तड़के एक और गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। मई में गुलदार ने गांव में एक बुजुर्ग को निवाला बनाया था। जिसके बाद महकमे की ओर से लगाए गए पिंजरे में एक गुलदार कैद हुआ था। 

बताते चलें कि 24 मई को ग्राम सुंदराई निवासी वीरेंद्र प्रसाद सुंदरियाल को चौबट्टाखाल बाजार से लौटते समय गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था। ग्रामीणों की नजर पड़ने और उनके शोर मचाने पर गुलदार शव को मौके पर ही छोड़ गया था। उधर, गुलदार की दहशत से ग्रामीणों ने अपने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया था। 

घटना के बाद वन विभाग की टीम ने घटनास्थल के पास ही गुलदार को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया। जिसमें गुलदार कैद हो गया। 

इस गुलदार के कैद होने के बाद भी क्षेत्र में गुलदार नजर आ रहा था। जिसके बाद विभाग ने गांव में एक पिंजरा लगा दिया। वन क्षेत्राधिकारी शीशपाल सिंह ने बताया कि गुरुवार तड़के इस पिंजरे में गुलदार कैद हो गया।

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