नाबालिग से जबरन शादी और दुष्कर्म, दोषी को दस साल कठोर कारावास की सजा
पौड़ी में एक नाबालिग लड़की से जबरन शादी और दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने दोषी को दस साल कठोर कारावास की सजा सुनार्इ है।
पौड़ी, जेएनएन। जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग लड़की के यौन शोषण और उससे जबरन शादी करने वाले युवक को दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा मामले में शामिल पीड़ित लड़की की बहन और उसके पति को जेल में बिताई अवधि को सजा मानकर रिहा कर दिया गया। मामला पौड़ी के एक गांव का है।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी ने बताया कि 19 जुलाई 2017 को एक युवक ने पौड़ी कोतवाली में तहरीर दी थी कि एक नाबालिग लड़की को पौड़ी कोतवाली क्षेत्र के स्थित मकान में बंधक बनाकर रखा गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच में पाया कि बंधक बनाई लड़की पहले चंडीगढ़ में अपनी बहन और जीजा के साथ रहती थी। लड़की की बहन ने उसका टीका अपने देवर के साथ कराकर उसे उसके साथ रहने को कहा।
बाद में आरोपित युवक नाबालिग को पौड़ी ले आया और जबरन अपनी पत्नी बनाकर उसे अपने साथ रहने को मजबूर किया। शिकायत पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। युवक के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट और पोक्सो अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पीड़िता की बहन और जीजा को भी इस मामले में शामिल मानते हुए उन्हें भी न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था। जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मामले में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद अजय को नाबालिग से दुष्कर्म करने सहित विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए दस साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 11 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। न्यायालय ने नालसा प्रतिकर योजना से पीड़ित लड़की को सात लाख की राशि देने के भी आदेश दिए हैं।
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