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    कोटद्वार के सुखरो नदी में डूबने से एक किशोर की मौत, परिजनों ने इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 21 Jul 2021 04:53 PM (IST)

    कोटद्वार में सुखरो नदी में डूबने से एक किशोर की मौत हो गई। कड़ी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम ने नदी में किशोर का शव बरामद किया। जिस स्थान पर किशोर डूबा प्रशासन की ओर से वहां रीवर ट्रेनिंग के नाम पर खनन कार्य करवाया जा रहा।

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    कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत सुखरो नदी में डूबने से एक किशोर की मौत हो गई।

    जागरण संवाददाता, कोटद्वार। कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत सुखरो नदी में डूबने से एक किशोर की मौत हो गई। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम ने नदी में किशोर का शव बरामद किया। जिस स्थान पर किशोर डूबा, प्रशासन की ओर से वहां रीवर ट्रेनिंग के नाम पर खनन कार्य करवाया जा रहा। नतीजा, बच्चे की मौत से आक्रोशित क्षेत्रीय जन ने खनन कार्य में लगी जेसीबी मशीनों पर पथराव किया। साथ ही पुलिस को मौके से शव नहीं उठाने दिया।

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    घटना बुधवार दोपहर की है। बलभद्रपुर क्षेत्र के अंतर्गत नयागांव निवासी मोहन का 15 वर्षीय पुत्र प्रियांशु उर्फ भोला सुखरो नदी में अपने मित्रों के साथ नहा रहा था। इसी दौरान प्रियांशु की चप्पल नदी के बहाव में बहने लगी। चप्पल को पकड़ने की कोशिश में जैसे ही प्रियांशु नदी में करीब दस मीटर नीचे की ओर आया, वह गहरे खड्ड में डूब गया। साथ नहा रहे बच्चों ने घर पहुंच घटना की सूचना की, जिसके बाद प्रियांशु के परिवार के सदस्य व आस-पड़ोस के व्यक्ति मौके पर पहुंच गए। सूचना पर एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची और गड्ढे में डूबे प्रियांशु की तलाश शुरू कर दी। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद प्रियांशु का शव गड्ढे के भीतर दलदल में धंसा मिला। जैसे ही टीम के सदस्य शव को लेकर बाहर आए, मौजूद जनों में गुस्सा भड़क गया और उन्होंने नदी में मौजूद जेसीबी व अन्य मशीनों पर पथराव शुरू कर दिया।

    पुलिस ने किसी तरह आमजन को समझा कर शांत किया और शव के पंचायतनामे की कार्रवाई शुरू करने की कोशिश की। लेकिन, मौजूद जन ने पुलिस को शव पर हाथ नहीं लगाने दिया। उनका आरोप था कि प्रियांशु की मौत के लिए पूरी तरह प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने एसडीएम को मौके पर बुलाने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। समाचार लिखे जाने तक सभी व्यक्ति शव को मौके पर रख प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

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