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    Kotdwar: लैंसडौन के बेडहाट छोटा गांव में महज शोपीस बनकर रह गया मोबाइल, नेटवर्क की किल्लत; टावर लगाने की मांग

    Mobile Network Issues विभिन्न संचार कंपनियों ने देश में 5जी नेटवर्क सेवाएं देना शुरू कर दिया है। लेकिन जनपद पौड़ी में कई गांव ऐसे भी हैं जिनके लिए आज भी मोबाइल नेटवर्क एक सपना है। इन गांवों के ग्रामीणों के लिए मोबाइल फोन महज शोपीस से अधिक कुछ नहीं। बेडहाट छोटा में बीते मंगलवार को बाघ ने एक महिला को निवाला बना दिया।

    By Riya.PandeyEdited By: Riya.PandeyUpdated: Sun, 08 Oct 2023 02:01 PM (IST)
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    Kotdwar: लैंसडौन के बेडहाट छोटा गांव में महज शोपीस बनकर रह गया मोबाइल

    जागरण संवाददाता, कोटद्वार। Mobile Network Issues: विभिन्न संचार कंपनियों ने देश में 5जी नेटवर्क सेवाएं देना शुरू कर दिया है। लेकिन, जनपद पौड़ी में कई गांव ऐसे भी हैं, जिनके लिए आज भी मोबाइल नेटवर्क एक सपना है। इन गांवों के ग्रामीणों के लिए मोबाइल फोन महज शोपीस से अधिक कुछ नहीं।

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    बात हो रही है लैंसडौन विधानसभा के अंतर्गत नैनीडांडा प्रखंड के ग्राम बेडहाट छोटा की, जहां बीते मंगलवार को बाघ ने एक महिला को निवाला बना दिया। बेडहाट छोटा ही नहीं, दस किलोमीटर के दायरे में बसे अन्य गांवों में भी मोबाइल नेटवर्क की यही स्थिति है।

    अभिभावकों को मोबाइल नेटवर्क की तलाश में जाना पड़ता है स्कूल

    बेडहाट छोटा में जहां बच्चे शिक्षा की खातिर स्कूल जाते हैं, अभिभावकों को मोबाइल नेटवर्क की तलाश में स्कूल जाना पड़ता है। प्रखंड नैनीडांडा के अंतर्गत पट्टी बूंगी के ग्राम बेडहाट छोटा गांव इन दिनों पूरे जिले में चर्चाओं का केंद्र है।

    पिछले दिनों महिला को बाघ ने बनाया था निवाला

    दरअसल, पिछले दिनों यहां एक महिला को बाघ ने निवाला बना दिया था। सरकारी तंत्र मौके पर पहुंचा तो पता चला कि मोबाइल नेटवर्क के अभाव में घटना की सूचना देने के लिए भी ग्रामीणों को गांव से करीब तीन किमी. दूर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के समीप आना पड़ा था।

    नेटवर्क के लिए सात किमी दूर तक का सफर

    सिर्फ बेडहाट छोटा ही नहीं, करीब दस किमी. दायरे में फैले ग्रामसभा नारद मोक्षण, ग्रामसभा बेडहाट, ग्रामसभा रणजीत मोक्षण, ग्रामसभा गंगोली, ग्रामसभा गोला, ग्रामसभा चामसैण, ग्रामसभा कमंदा के साथ ही मंगेड़ी तल्ली, उनियाल मोक्षण, सिलखेरा, झुडंगू, भुंड, बसेड़ी, बकरोटी गांवों के ग्रामीणों को भी नेटवर्क की तलाश में यहां-वहां भटकना पड़ता है। नेटवर्क की तलाश में छह-सात किमी. दूर टेट गांव तक आना पड़ता है।

    प्रशासन से कई बार की गई मोबाइल टावर लगाने की मांग

    पीएमओ में भी भेजी शिकायत ग्रामीणों शासन-प्रशासन से कई मर्तबा गांव में मोबाइल टावर लगाने की मांग की। लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। अंत में ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी मांग के संबंध में एक पत्र भेजा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भारत संचार निगम लिमिटेड को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए। लेकिन, अभी तक निगम ने इस क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की जहमत नहीं उठाई है।

    ग्रामसभा नारद मोक्षण के प्रधान अजय कुमार के साथ ही विजेंद्र सिंह, नितीश मधवाल सहित अन्य ने बताया कि कोविड काल में जहां तमाम गांवों में प्रवासी वापस लौटे, उनके क्षेत्र नेटवर्क न होने के कारण प्रवासी भी घर वापस नहीं लौटे।

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    बूंगी पट्टी के कुछ गांवों में मोबाइल नेटवर्क की है समस्या

    लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र’ विधायक दिलीप रावत के अनुसार, ‘बूंगी पट्टी के कुछ गांवों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है। इस संबंध में भारत संचार निगम लिमिटेड सहित अन्य संचार कंपनियों के अधिकारियों से वार्ता कर क्षेत्र को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। ...

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