अग्निवीरों को प्रशिक्षण देगा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, सीखेंगे ड्रोन एप्लीकेशन और भाषा ज्ञान सहित कई महत्वपूर्ण विषय
हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय अग्निवीरों को आपदा प्रबंधन, ड्रोन एप्लीकेशन और भाषा ज्ञान में डिप्लोमा प्रशिक्षण देगा। विश्वविद्यालय ने गढ़वाल रायफल्स रेजीमेंटल सेंटर लैंसडौन के साथ समझौता किया है। प्रशिक्षण जूनियर लेबल डिफेंस मैनेजमेंट के तहत होगा, जिससे 995 अग्निवीर लाभान्वित होंगे। कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने इसे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय बताया है।

हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह की उपस्थिति में गढ़वाल रायफल्स सेंटर लैंसडौन के साथ हुए एमओयू का आदान-प्रदान करते प्रो. राकेश डोडी, ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी। साथ में प्रो. एमपीएस बिष्ट। जागरण
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय अग्निवीरों को आपदा प्रबंधन, ड्रोन एप्लीकेशन और भाषा ज्ञान सहित कई महत्वपूर्ण विषयों का डिप्लोमा प्रशिक्षण देगा। तीन वर्षीय प्रशिक्षण जूनियर लेबल डिफेंस मैनेजमेंट के तहत होगा।
हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय और गढ़वाल रायफल्स रेजीमेंटल सेंटर लैंसडौन के मध्य मंगलवार को इसके तहत समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ। अनुबंध में रेजीमेंटल सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह व कुलसचिव प्रो. राकेश कुमार ढोड़ी के हस्ताक्षर हुए हैं।
ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने कहा कि यह प्रशिक्षण अग्निवीरों को मल्टी ट्रेनिंग के साथ ही नया आयाम भी प्रदान करेगा। वर्तमान में 995 अग्निवीर इस प्रशिक्षण से लाभान्वित होंगे। प्रशिक्षण की सभी गतिविधियां लैंसडौन में ही संपादित होंगी।
कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व का विषय है, कि मां भारती के रक्षकों के साथ कार्य करने का मौका मिलने जा रहा है। आने वाले वर्षों में प्रशिक्षण संबंधित विभिन्न गतिविधियों को लेकर सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे, जिससे गढ़वाल विश्वविद्यालय का नाम और पहचान दुनिया में हो सके।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित गढ़वाल राइफल के बैंड ने विभिन्न धुनों पर बैंड की प्रस्तुति देकर मंत्रमुग्ध किया। जीआरसीसी लैंसडाउन से पहुंचे सैन्य अधिकारियों ने चौरास कैंपस का भ्रमण कर जानकारी जुटाई। संचालन भू-गर्भ विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एमपीएस बिष्ट ने किया।
इस मौके पर जीआरआरसी लैंसडौन के कर्नल सुमित लिंगवाल, ले. कर्नल अमित पुरी, कुलसचिव प्रो. राकेश ढोड़ी, वित्त अधिकारी डॉ. संजय ध्यानी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. ओपी गुसांई, चौरास परिसर निदेशक प्रो. आरएस नेगी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. जेएस चौहान आदि मौजूद रहे।

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