Dehradun से 160 किमी की दूरी पर हैं रोमांच से भरी कई गुफाएं, 500 साल पहले गढ़वाल के राजा ने कराया था निर्माण
Uttarakhand Tourism देहरादून से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवलगढ़ की चार प्राचीन गुफाएं ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। माना जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण लगभग 500 साल पहले गढ़वाल के राजा अजयपाल ने करवाया था। अब इन गुफाओं को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने के लिए विकास कार्य किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल। Uttarakhand Tourism : देहरादून से श्रीनगर करीब 140 किमी दूर है और वहां से लगभग 20 किमी दूर देवलगढ़ में मां राजराजेश्वरी देवी मंदिर के समीप पहाड़ी की तलहटी में बनी चार गुफाएं ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही अब पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनने जा रही हैं।
देवलगढ़ सड़क से लगभग 200 से 300 मीटर की दूरी पर स्थित इन प्राचीन गुफाओं के लिए पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। गुफा क्षेत्र के आसपास विद्युत प्रकाश व्यवस्था के साथ ही वहां आने वाले लोगों के लिए अन्य सुविधाएं भी सुनिश्चित की जा रही हैं।
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और क्षेत्रीय विधायक डा. धन सिंह रावत की विशेष पहल पर जिला प्रशासन ने इन कार्यों के लिए धनराशि का आवंटन भी किया है।
शनिवार को प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने देवलगढ़ पहुंचकर इन गुफा क्षेत्रों के लिए किए जा रहे विकास कार्यों का निरीक्षण कर सम्बन्धित ठेकेदार से कार्यों की प्रगति के बारे में भी जानकारियां लीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक महत्व की यह गुफाएं पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेंगी।
कैबिनेट मंत्री और क्षेत्रीय विधायक डा. धन सिंह रावत। फाइल फोटो
बनने जा रहा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र
देवलगढ़ में मंदिर के समीप पहाड़ी की तलहटी में चार गुफाएं जहां इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं के लिए अध्ययन का विषय है। वहीं अब यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। माना जाता है कि लगभग 500 साल पहले गढ़वाल के राजा अजयपाल द्वारा इन गुफाओं का निर्माण कार्य किया गया।
राजा अजयपाल ने सन 1512 से 1517 पांच सालों तक देवलगढ़ को गढ़वाल की राजधानी भी मनाया था। राजराजेश्वरी मंदिर देवलगढ़ के मुख्य पुजारी पंडित कुंजिका प्रसाद उनियाल ने बताया कि इन गुफाओं में सीढ़ियां बनी हुई हैं। वह स्वयं पांच से सात मीटर अंदर तक इन गुफाओं में गए लेकिन उसके बाद वह आगे नहीं जा पाए।
ऐसा माना जाता है कि राजा अजयपाल द्वारा अपने शासनकाल में इन गुफाओं का निर्माण कार्य किया गया। पंडित कुंजिका प्रसाद उनियाल ने बताया कि देवलगढ़ मंदिर के समीप अन्य स्थल पर भैरव गुफा भी विद्यमान है जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
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