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Coronavirus: श्रीनगर बेस अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित की मौत Pauri News

बेस अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती एक मरीज ने बीते रविवार को भ्भीर्त कोरोना संक्रमित की मौत हो गई। वृद्ध बीते छह जून को रुद्रप्रयाग से रेफर होकर बेस में भर्ती हुआ था।

By Edited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 10:06 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 09:03 AM (IST)
Coronavirus: श्रीनगर बेस अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित की मौत Pauri News
Coronavirus: श्रीनगर बेस अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित की मौत Pauri News

श्रीनगर गढ़वाल, जेएनएन। बेस अस्पताल श्रीनगर के कोरोना वार्ड में भर्ती मरीज की मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग के डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। यह वृद्ध बीते छह जून को रुद्रप्रयाग से रेफर होकर बेस के कोरोना वार्ड में भर्ती हुआ था।

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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष और कोरोना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर डॉ. केएस बुटोला ने कहा कि मल्टी आर्गन फेल्योर होने से इस वृद्ध की मौत हुई। वह मधुमेह और ब्लड कैंसर से पीड़ित भी था जिसका दिल्ली में इलाज चल रहा था। 

मृतक रुद्रप्रयाग का रहने वाला था। उसकी मौत होने के बाद आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार फारेंसिक विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. पुष्पेंद्र की देखरेख में उसके शव को पूरी तरह डिसइनफेक्ट कर पूरी तरह सुरक्षित भी किया। मेडिकल कॉलेज की फैकल्टियों और कर्मचारियों की देखरेख में श्रीकोट गंगानाली के श्मशान घाट पर पुलिस और प्रशासन की उपस्थिति में पूरे प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए उसका अंतिम संस्कार किया गया। 

उसके शव को श्मशान घाट भिजवाने के साथ ही अंतिम क्रिया करवाने तक की सारी व्यवस्थाएं मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने की। जिसमें मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत, बेस अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार, प्रोफेसर डॉ. केएस बुटोला, फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. विमल गुसाईं,  एनाटमी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. केके अग्रवाल ने सहयोग किया। इस दौरान पीपीई किट पहने फारेंसिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. पुष्पेंद्र और अन्य कर्मियों ने प्रोटोकॉल के मुताबिक संस्कार किया।

मेडिकल कॉलेज प्रशासन का छूटा पसीना

मेडिकल कॉलेज प्रशासन को उस समय पसीने छूट गए जब मृतक का पुत्र और दो अन्य रिश्तेदार वहां से बिना बताए चले गए। मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष और कोरोना नोडल अधिकारी प्रो. केएस बुटोला ने बताया कि मृतक के पुत्र ने पहले कहा था कि दाह संस्कार को लेकर क्षेत्र के 20 लोग आएंगे। 

इस पर उन्होंने भी उसे सचेत किया था कि अधिक लोग नहीं आएं, लेकिन कुछ देर बाद लड़के का फोन आया कि कोई नहीं आ रहा है। काफी देर इंतजार करने के बाद मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत के साथ ही तहसीलदार सुनील राज और श्रीकोट चौकी प्रभारी महेश रावत ने मोर्चा संभाला।

प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. रावत ने मृतक के पुत्र को उसके मोबाइल नम्बर पर कई बार संपर्क किया, लेकिन वह नहीं पहुंचा। जिस पर प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत और अन्य वरिष्ठ फैकल्टियों के सुझाव पर फारेंसिक विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ने स्वयं पीपीई किट पहनकर अपने अन्य मेडिकल कर्मियों के साथ शव को एक छोटे वाहन से लगभग दो किमी दूर श्मशान घाट तक पहुंचाया। 

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प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत इस बात से भी ज्यादा परेशान थे कि मृतक की अंतिम क्रिया करने को लेकर अभी तक उसका पुत्र नहीं पहुंचा, जबकि शव को घाट तक पहुंचा दिया गया है। डॉ. रावत ने बताया कि कई बार उसके पुत्र को फोन कर फिर उसके आने पर उसे भी पीपीई किट पहनाकर पूर्ण सुरक्षा के साथ अंतिम संस्कार करवाया गया। शव को लाने वाले वाहन को भी पूर्ण सैनेटाइज किया गया।

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