Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहाड़ की माटी में है दम, उड़न परियों के मजबूत होते कदम, प्रशिक्षण ले रहीं दो बेटियों ने बनाया कीर्तिमान

    By Manohar BishtEdited By: Sunil Negi
    Updated: Fri, 07 Nov 2025 04:10 PM (IST)

    पौड़ी में स्थित शहीद जसवंत सिंह खेल मैदान में प्रशिक्षण ले रही दो एथलीटों ने राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित किया है। सात वर्षीय आर्या टाकोने ने बारामती मैराथन में सबसे कम उम्र की धावक बनकर रिकार्ड बनाया, जिसे वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स में जगह मिली। वहीं, भागीरथी ने कश्मीर मैराथन में स्वर्ण पदक जीता।

    Hero Image

    महाराष्ट्र के बारामती में मैराथन में दौड़ती नन्हीं आर्या पंकज टाकोने। वहीं, दौड़ का अभ्यास करती राष्ट्रीय एथलीट भागीरथी। जागरण

    मनोहर बिष्ट, जागरण
    पौड़ी: पौड़ी की धरती से तैयार हो रही एथलीट की नई पौध कीर्तिमान रच रही हैं। मंडल मुख्यालय पौड़ी में एशिया एवं देश का दूसरा सबसे ऊंचाई वाला शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह खेल मैदान उनके जुनून, हौसले और सर्मपण को रफ्तार दे रहा है। यहां से प्रशिक्षण ले रहीं दो बेटियों ने राष्ट्रीय स्तर की हालिया प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर माटी को गौरवान्वित किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाराष्ट्र की सात वर्षीय आर्या पंकज टाकोने ने पांच किमी की बारामती पावर मैराथन को 24 मिनट 22.01 सेकेंड में पूरी कर सबसे कम उम्र की एथलीट होने का नया रिकार्ड बनाया है, जिसे वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स में जगह मिली है।

    sports field Pauri

    वहीं, उत्तराखंड की बेटी एवं राष्ट्रीय स्तर की एथलीट 23-वर्षीय भागीरथी ने 42 किमी की कश्मीर मैराथन में अखिल भारतीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतकर नया कीर्तिमान गढ़ा है। इन बेटियों को सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) के माइना गांव निवासी कोच सुनील शर्मा प्रशिक्षण दे रहे हैं। आर्या व भागीरथी के प्रशिक्षण का पूरा खर्च वह स्वयं उठाते हैं।

    आर्या का कमाल

    महाराष्ट्र के बारामती स्पोर्ट्स फाउंडेशन की ओर से दो नवंबर को आयोजित मैराथन में आर्या पंकज टाकोने सबसे कम उम्र की सबसे तेज धावक बनी। कोच सुनील शर्मा ने बताया कि आर्या महाराष्ट्र के नागपुर स्थित पुलगांव की रहने वाली है। उसके पिता पंकज टाकोने महाराष्ट्र पुलिस में सेवारत हैं।

    आर्या एक वर्ष से पौड़ी में प्रशिक्षण ले रही है। वह जब साढ़े तीन वर्ष की थी, तब उसका नाम एशिया बुक आफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका था। पिता पंकज बताते हैं कि वर्ष 2021 में संपन्न हुई मैराथन में उसने एक किमी की दौड़ पांच मिनट 50 सेकेंड में पूरी कर नया रिकार्ड बनाया था।

    भागीरथी का कमाल

    उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित वाण गांव की बेटी एवं राष्ट्रीय स्तर की एथलीट भागीरथी ने जम्मू-कश्मीर सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से श्रीनगर में आयोजित कश्मीर मैराथन में दो नवंबर को प्रतिभाग किया था। उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर नया रिकार्ड बनाया। वह दो वर्ष से पौड़ी में प्रशिक्षण ले रही हैं।

    इससे पहले अगस्त में एनएमडीसी मैराथन हैदराबाद और फरवरी में ओपन नेशनल मैराथन दिल्ली में भी वह स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। भागीरथी की मां राधा देवी भोजनमाता हैं, जबकि पिता मोहन सिंह का निधन हो चुका है।

    कोच सुनील शर्मा ने बताया कि कश्मीर मैराथन के एथलीटों को खाने-ठहरने और एयरपोर्ट से पिक करने की समुचित व्यवस्था थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर सरकार व आयोजकों ने भागीरथी को कोई सुविधा प्रदान नहीं की। इससे आहत भागीरथी ने स्वर्ण पदक ठुकरा दिया।

    रांसी खेल मैदान के बारे में जानिए

    • यह मैदान समुद्रतल से 7,000 फीट की ऊंचाई पर बांज, बुरांश व देवदार के जंगल से घिरा है।
    • इसकी नींव अभिभाजित उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने वर्ष 1974 को रखी थी।
    • राज्य गठन के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसकी सुध ली। वर्ष 2016-17 में इसका नाम शहीद जसवंत सिंह के नाम पर रखा गया।
    • मैदान में 400 मीटर का सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 32 बेड का छात्रावास, बहुद्देश्यीय हाल और कैंटीन है।
    • यहां प्रशिक्षण के लिए व्यक्तिगत रूप 850 रुपये मासिक शुल्क देना पड़ता है। अभी 250 एथलीट यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं।

    यह भी पढ़ें- उत्तराखंड के CM Dhami का कांग्रेस पर वार, बोले- 'शहजादे राहुल ने बयान से साबित किया कि वह टुकड़े गैंग के मुखिया'

    यह भी पढ़ें- नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने का माध्यम है युवा महोत्सव: मुख्यमंत्री