Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नैनीताल संसदीय सीट से यशपाल या बंशीधर हो सकते हैं भाजपा की पसंद

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 07 Jan 2019 06:37 PM (IST)

    नैनीताल संसदीय सीट से टिकट की दावेदारी को लेकर भाजपा में इन दिनों जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है।

    नैनीताल संसदीय सीट से यशपाल या बंशीधर हो सकते हैं भाजपा की पसंद

    हल्द्वानी, आशुतोष सिंह : नैनीताल संसदीय सीट से टिकट की दावेदारी को लेकर भाजपा में इन दिनों जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। पार्टी के बड़े नेताओं में पहले बंशीधर भगत, फिर यशपाल आर्य और अब गजराज बिष्ट ने टिकट के लिए दावा ठोका है। पूर्व सांसद बलराज पासी, खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी और किच्छा विधायक राजेश शुक्ला का नाम भी चर्चा में है। इस सीट की भौगोलिक परिस्थितियों और जातीय समीकरण को देखें तो कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य या विधायक बंशीधर भगत भाजपा की पहली पसंद हो सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से काफी बड़ा है। इसका एक छोर नैनीताल के गरमपानी के पास है तो दूसरा खटीमा के पास। इस क्षेत्र में पर्वतीय क्षेत्र और पूर्वांचल के लोगों के साथ-साथ सिख एवं मुस्लिम समुदाय की अच्छी-खासी संख्या है। ऐसे में भाजपा की कोशिश इस सीट पर किसी ऐसे चेहरे को उतारने की है, जिसका कद भी बड़ा हो और उसकी दोनों जिलों में स्वीकार्यता भी हो। इन परिस्थितियों में यशपाल आर्य और बंशीधर भगत काफी हद तक फिट बैठते हैं। यशपाल आर्य खुद तराई की बाजपुर सीट से लगातार दूसरी बार विधायक हैं तो उनके पुत्र संजीव आर्य नैनीताल विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यशपाल पूर्व में खटीमा से भी विधायक रह चुके हैं। वह दोनों जिलों में पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक में लंबे समय से सक्रिय हैं। 

    अब कालाढूंगी से भाजपा विधायक बंशीधर भगत की बात करते हैं। उनका मजबूत पक्ष यह है कि वह नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। जिलाध्यक्ष रहते उनके द्वारा तैयार की गई टीम अब भी सक्रिय है और पिछले डेढ़ साल से दोनों जिलों में उनका लगातार कार्यक्रम करवा रही है। वह भाजपा के पहले ऐसे विधायक हैं जो विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार पहाड़ से लेकर तराई तक दौरा कर रहे हैं और अपनी टीम को लोकसभा चुनाव की दृष्टि से मजबूत कर रहे हैं। वह अलग-अलग क्षेत्रों से छह बार विधायक और चार बार मंत्री रह चुके हैं। त्रिवेंद्र रावत सरकार में मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को जब भी भरने की बात आती है, उनका नाम सबसे अधिक चर्चा में रहता है। वह राम जन्मभूमि आंदोलन के समय से ही संघ के बेहद करीब रहे हैं। हल्द्वानी के मेयर जोगेंद्र सिंह रौतेला को टिकट दिलाने से लेकर जीत तक में उनकी अहम भूमिका ने पार्टी में उनका कद और बड़ा कर दिया है।

    भाजपा के बड़े कद के नेताओं में प्रदेश महामंत्री गजराज बिष्ट ने भी इस सीट के लिए दावेदारी की है, लेकिन मुख्यमंत्री ने हाल में ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है, लिहाजा पार्टी उन्हें इस चुनाव में इंतजार करने को कह सकती है। भाजपा के कुछ बड़े नेता तो यह भी कह रहे हैं कि यदि बंशीधर लोकसभा चुनाव लड़ते हैं और उन्हें जीत मिलती है तो कालाढूंगी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में गजराज भाजपा की पहली पसंद हो सकते हैं।

    अधिकांश दावेदारों की पसंद तो कोश्यारी ही हैं

    नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से टिकट की दावेदारी करने वाले अधिकांश नेताओं की पसंद सांसद भगत सिंह कोश्यारी ही हैं। यशपाल आर्य, पुष्कर सिंह धामी समेत अधिकांश दावेदारों का कहना है कि यदि किसी कारणवश कोश्यारी चुनाव नहीं लड़ते हैं तो ही उन्हें मौका मिलना चाहिए। हालांकि बंशीधर भगत का कहना है कि यदि कोश्यारी अपना दावा पेश करेंगे तो भी वह मजबूती से अपने लिए टिकट मांगेंगे। यह और बात है कि यदि पार्टी ने किसी और को टिकट दे दिया तो पूरी निष्ठा से उसे चुनाव भी लड़ाएंगे।

    यह भी पढ़ें : टिकट के दावेदारों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कटाक्ष, बोले फिलहाल नो वैकेंसी

    यह भी पढ़ें : रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण सहित 32 सांसदों ने नहीं दिया संपत्ति का ब्योरा