नीैनीताल में विकाराल हुई पानी की समस्या, निजात दिलाने को तेज हुई कवायद
आबादी जहां तेजी से बढ़ रही है, वहीं गला तर करने की समस्या भी बिकराल हो रही है। हालांकि इस समस्या से निजात पाने के लिए इस साल कुछ कवायद रंग भी लाती दिखी।
हल्द्वानी, जेएनएन : आबादी जहां तेजी से बढ़ रही है, वहीं गला तर करने की समस्या भी बिकराल हो रही है। हालांकि इस समस्या से निजात पाने के लिए इस साल कुछ कवायद रंग भी लाती दिखी। 10 नए नलकूप लगाने के साथ ही जलापूर्ति शुरू भी कर दी गई है। इससे करीब 50 हजार आबादी लाभान्वित हुई है। पांच ओवरहेड टैंकों व एक ग्राउंड टैंक का निर्माण कराकर अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हल्द्वानी महानगर बनने की ओर अग्र्रसर है। यहां की आबादी पांच लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। महानगर में 36 नए गांव शामिल होने से इनमें रहने वाले लोगों को भी अब नए मानकों के हिसाब से 135 लीटर पानी प्रतिदिन दिया जाना है। जबकि पूर्व तक इन गांवों के लोगों के लिए 65 लीटर प्रतिदिन का मानक था। नगर निगम में शामिल करने के साथ ही इनको मानकों के अनुरूप पानी पहुंचाने की कवायद साल भर चलती रही। जल निगम ने बमौरी बंदोबस्ती, बमौरी खाम, कुसुमखेड़ा, डहरिया, मुखानी, देवलचौड़ बंदोबस्ती, हरिपुर जमन सिंह, बगूलिया-सगुलिया, नीलियम कालोनी व हरिपुर पूर्णानंद गांव में नलकूप लगाए हैं। इनमें से बमौरी बंदोबस्ती, डहरिया व नीलियम कालोनी में नलकूप निर्माण का काम अंतिम चरण में है। जबकि अन्य सात नलकूपों को पेयजल लाइनों से जोड़कर आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इन नलकूपों से करीब 50 हजार की आबादी लाभान्वित होने लगी है। वहीं कुसुमखेड़ा, नीलियम कालोनी, देवलचौड़ बंदोबस्ती, देवलचौड़ खाम व हरिपुर पूर्णानंद में ओवरहेड टैंकों का निर्माण भी किया गया है। 22 क्षेत्रों में 20 किमी से अधिक लंबी लाइनें जोड़कर लोगों को लाभान्वित किया गया।
'अमृत' बनी अमृत योजना
अमृत योजना मुख्य शहर में रहने वाले लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत शहर के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है। इसमें 25 करोड़ रुपये से पानी का सिस्टम सुधारा जा रहा है, जबकि 55 करोड़ सीवर सिस्टम को सुधारने में खर्च हो रहे हैं। अब तक दो पेयजल योजनाओं में 16.5 करोड़ रुपये से लाइनें बिछाई जा रही है। आवास विकास, सुभाषनगर, डिग्री कालेज, महिला डिग्री कालेज व शीशमहल में पेयजल लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। अब केवल इन लाइनों से लोगों के कनेक्शनों को जोड़ा जाना है। शीशमहल में पेयजल लाइन बिछाने का काम भी शुरू हो चुका है। करीब 15 फीसद काम पूरा कर लिया गया है। सीवर की छह योजनाएं स्वीकृत हुईं हैं। इसमें हीरानगर से मुखानी तक बन रही योजना का 90 फीसद काम पूरा हो चुका है। जजी क्षेत्र में लाइनें बिछ चुकी हैं। शीशमहल में 40 फीसद हिस्से में सीवर लाइनें बिछाई जा चुकी हैं। इसके अलावा आवास विकास, कृष्णा कुंज व वैशाली कालोनी में 15 फीसद काम पूरा हो चुका है।
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए मिली 49 हेक्टेयर भूमि
शहर में प्रतिदिन 10 से 12 एमएलडी सीवर निकलता है। अब तक शहर का सीवर इंदिरानगर से सटे जंगल में जाता है। शहर के लिए अमृत योजना के तहत इंदिरानगर से सटे जंगल में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित था। 28 एमएलडी क्षमता के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 35.5 लाख रुपये की स्वीकृति मिलने के साथ ही 49 हेक्टेयर वन भूमि भी जल निगम को मिल चुकी है। जल निगम ने ट्रीटमेंट बनाने की कवायद शुरू कर वन भूमि के पेड़ कटवाने की अनुमति वन महकमे से मांगी है। इसके साथ ही तकनीकि निविदा निकाली जा चुकी है, जिसे 29 दिसंबर को खोला जाएगा। इसके बाद वित्तीय निविदाएं निकालने के साथ ही सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
तल्ली हल्द्वानी में ओवरहेड टैंक व दो नलकूप निर्माण को मंजूरी
शहर की पेयजल व्यवस्था सुधारने के लिए जल निगम को वल्र्ड बैंक की योजना में भी 18.71 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। इस बजट से तल्ली हल्द्वानी में दो नलकूप निर्माण के साथ ही ओवरहेड टैंक बनाए जाएंगे। इसके साथ ही 26 किमी लंबी पेयजल लाइनों का विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही विश्व बैंक परियोजना इकाई गौजाजाली उत्तर, कुसुमखेड़ा, दमुवाढूंगा की पेयजल व्यवस्था सुधारने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रही है।
स्कूलों को मिला समाधान
जलसंस्थान ने साल भर लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति सुचारू रखने के लिए प्रयास किए। नलकूप व लाइनों की मरम्मत के साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय हंसपुर खत्ता व तपस्यानाला खत्ता में हैंड पंप लगाकर विद्यालयों को पेयजल से जोड़ा। इससे करीब 75 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। राज्य योजना में शीतलाहाट में सतही टैंक से काठगोदाम डाक बंगाला स्थित उध्र्व टैंक को भरने के लिए पेयजल लाइन बिछाई गई, जिससे उध्र्व जलाशलय के आसपास रहने वाले 16 सौ लोगों का जलसंकट दूर हुआ। नाथूपुर पाडली, देवपुर कुरिया व खड़पुर ईसाई में पाइप लाइन बिछाने का काम अंतिम चरण में है। इसे आठ सौ लोगों की पेयजल समस्या दूर हो जाएगी। कुमाऊं कालोनी व हल्दीखाल में पेयजल भंडारण के लिए 50 व 100 किलोमीटर क्षमता के टैंक बनाकर 12 सौ लोगों को लाभान्वित किया। लोहरियासाल मल्ला साईं विहार में नलकूप व 250 किलोलीटर क्षमता का टैंक बनाकर दो हजार लोगों का पेयजल संकट दूर किया जा चुका है।
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