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ये पहाड़ की औरतें हैं, चुनौतियाें को आदत बना लेती हैं और मुश्किलों काे अपना रास्‍ता nainital news

अफसरों व जनप्रतिनिधियों से बार-बार मांग के बावजूद कोसी नदी पार करने के लिए पुल नहीं बन सका। ऐसे में गांव की महिलाओं ने खुद एकजुट होकर फैसला लिया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 06:44 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 10:02 AM (IST)
ये पहाड़ की औरतें हैं, चुनौतियाें को आदत बना लेती हैं और मुश्किलों काे अपना रास्‍ता nainital news
ये पहाड़ की औरतें हैं, चुनौतियाें को आदत बना लेती हैं और मुश्किलों काे अपना रास्‍ता nainital news

रानीखेत, जेएनएन : पहाड़ की महिलाओं का संघर्ष और पहाड़ जैसे उनके इरादे जग जाहिर हैं। बात परिवार को पालने की हो, चाेटियों को साधने की या नए रास्‍ते इजाद करने की, उनका कोई सानी नहीं है। इसकी एक झलक नैनीताल जिले के बॉर्डर पर गरमपानी में भी देखने को मिलती है। अफसरों व जनप्रतिनिधियों से बार-बार मांग के बावजूद कोसी नदी पार करने के लिए पुल नहीं बन सका। ऐसे में गांव की महिलाओं ने खुद एकजुट होकर फैसला लिया। न सिर्फ फैसला लिया बल्कि लकड़ी पुल तैयार कर शासन-प्रशासन को आइना भी दिखा दिया। 

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महिलाओं ने तीन दिन में बना दिया पुल

सरकार गांव के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाएं पहुंचाने के लाख दावे करे, पर हकीकत कुछ और है। बेतालघाट व ताड़ीखेत ब्लॉक से सटे अमेल गांव के तोक खैराली के ग्रामीणों को पुल नसीब न हुआ तो गांव की महिलाओं ने श्रमदान कर तीन दिन में करीब 50 मीटर कच्चा सेतु तैयार कर दिया। गांव में करीब 40 परिवार रहते हैं, जिन्हें आए दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चे नदी तैरकर स्कूल जाते हैं। विकट हालात को देख महिलाओं ने खुद ही सेतु निर्माण का मन बनाया और तीन दिन में सेतु पूरा कर विभाग और नेताओं को आईना भी दिखा दिया।

समीपवर्ती गांव का भी यही हाल

मुख्‍यधारा के लोगों की जिंदगी जहां दिनों दिन आसान होती जा रही है, वहीं भौगोलिक स्‍थितियों व आपदाओं के कारण पहाड़, खासकर ग्रामीण अंचल के लोगों की स्थिति उतनी ही मुश्किल। बात प्रसूताओं को चाहे अस्‍पताल ले जाने की हो या बच्‍चों के स्‍कूल जाने की, नदी पार करने की चुनौती हर वक्‍त सामने रहती है। फिर भी शासन-प्रशासन को यहां के लोगों की सुध नहीं है। बेतालघाट ब्लॉक के आमडाली से अमेल आवाजाही करने वाले ग्रामीणों को भी दिक्कतों का सामना करता करना पड़ता है। यहां भी ग्रामीण कच्चा पुल तैयार करे आवाजाही करते हैं।

इन महिलाओं ने तैयार किया सेतु

गीता बेलवाल,पूजा रावत, कलावती देवी, शांति देवी, गीता देवी, पम्मी बेलवाल,पना देवी, प्रेमा देवी, हरुली देवी,गंगा देवी, कमला देवी, हेमा देवी, भगवती देवी, शोभा देवी ने मिलकर सेतु तैयार किया। ग्राम प्रधान पूजा फुलारा ने बताया कि बरसात में आवाजाही के लिए विधायक संजीव आर्या ने विधायक निधि से ट्राली लगवाई है। बरसात में उसी से आवाजाही की जाती है अभी कच्चे पुल से आवाजाही हो रही है।

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