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हैरान करने वाली थी बर्फबारी, वैज्ञानिकों ने कहा पश्चिमी सर्द हवाएं बनी वजह nainital news

फरवरी माह में बर्फबारी स्वाभाविक है मगर सामान्य से ऊपर पारे के बीच हिमपात होना स्वाभाविक नहीं हो सकता।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 02:46 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 08:28 PM (IST)
हैरान करने वाली थी बर्फबारी, वैज्ञानिकों ने कहा पश्चिमी सर्द हवाएं बनी वजह nainital news
हैरान करने वाली थी बर्फबारी, वैज्ञानिकों ने कहा पश्चिमी सर्द हवाएं बनी वजह nainital news

नैनीताल, रमेश चंद्रा : फरवरी माह में बर्फबारी स्वाभाविक है, मगर सामान्य से ऊपर पारे के बीच हिमपात होना स्वाभाविक नहीं हो सकता। सरोवरनगरी की चोटियों पर शुक्रवार की सुबह मौसम की विपरीत परिस्थितियों में हिमपात होने से मौसम वैज्ञानिक तथा स्थानीय लोग हैरान नजर आए। वैज्ञानिकों ने संभावना जताई कि पश्चिमी सर्द हवाओं के कारण हिमपात की परिस्थितियां बन गई।

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हालांकि गुरुवार को नगर का न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से करीब तीन डिग्री सेल्सियस अधिक था। तापमान हिमपात के अनुकूल नही होने के कारण बर्फबारी की संभावना कतई नही थी। मौसम विभाग ने भी तीन हजार मीटर से अधिक उंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की संभावना जताई थी, जबकि नैनीताल की चोटियां 26 सौ मीटर तक ही ऊंची हैं।

पिछले दो दशकों में फरवरी माह में यहां कई बार हिमपात हुआ, जो बर्फबारी की अनुकूल स्थितियों में ही संभव हुआ। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के पर्यावरणीय वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र सिंह का कहना है तीन-चार डिग्री सेल्सियस में भी हिमपात की संभावना बन जाती है। अधिक तापमान में शुक्रवार को हुए हिमपात के पीछे एक कारण पश्चिमी हवाएं हो सकती हैं। यह हवा काफी सर्द होती है। जिसके चलते हिमपात होने की संभावना बन जाती है।

सरोवरनगरी में 2005 में 13 दिन हुई बारिश

सरोवरनगरी में बीते वर्षों में फरवरी माह में कई बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहा, जिसके चलते बारिश व बर्फबारी देखने को मिली। पिछले दो दशक के दौरान वर्ष 2005 में फरवरी में सर्वाधिक 13 बार बारिश हुई। 2007 में नौ बार पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी रहा, जबकि 2014 में सात बार रहा। बाकी के सालों में कभी एक से लेकर पांच बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहा।

एक सीजन में 12 से अधिक बार सक्रिय हो सकता है प. विक्षोभ

एक विंटर सीजन में पश्चिमी विक्षोभ 12 से अधिक बार भी सक्रिय हो सकता है। सरोवर नगरी में इस बार दिसंबर से लेकर अभी तक यह सात सक्रिय हो चुका है।

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