Updated: Fri, 01 Aug 2025 03:26 PM (IST)
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के नतीजों ने भाजपा को झटका दिया। नैनीताल समेत कई जिलों में खराब चुनाव प्रबंधन और कार्यकर्ताओं की नाराजगी से पार्टी को नुकसान हुआ। 2027 चुनाव से पहले जनाधार साबित करने की चुनौती है। बागी उम्मीदवारों ने भी खेल बिगाड़ा। विधायकों के प्रति नाराजगी हार का कारण बनी। रामनगर में विधायक दीवान सिंह बिष्ट की साख बची जबकि अन्य विधायकों का कद घटा।
किशोर जोशी, नैनीताल। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खासकर जिला पंचायत सदस्य पदों के परिणामों से सत्ताधारी भाजपा को बड़ा झटका लगा है। नैनीताल के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व चंपावत जिले में परिणामों से साफ है कि बिना रायशुमारी के समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा करना, चुनाव कुप्रबंधन और कार्यकर्ताओं की नाराजगी और विधायकों के साथ दूरी ने संगठन की लुटिया डुबो दी।
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इन परिणामों के बाद 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले जनाधार साबित करने भाजपा की रणनीति पर सवालिया निशान लग गया। अब सरकार व संगठन के सामने ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अपनों को बैठाने के लिए कड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। परिणामों से नैनीताल, कालाढूंगी, लालकुआं, ओखलकांडा, रामनगर के विधायकों की राजनीतिक कद घटा है। भाजपा ने जिला पंचायत की 27 में 20 सीटों पर समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा की थी।
इसमें भवाली गांव से नैनीताल विधायक सरिता आर्य के पुत्र रोहित आर्य, तलिया से खुशाल सिंह बिष्ट, ज्योलीकोट से आशा उपाध्याय गोस्वामी, रामणी आन सिंह पनियाली से निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, ओखलकांडा मल्ला से हेम सुयाल, ढोलीगांव से बहादुर सिंह नगदली, दीनी तल्ली से जीवन बर्गली, सरना से रेखा देवी, गहना से ज्योति आर्य, दाड़िमा से गीता सुयाल, चौखुटा से गौरव बिष्ट, सिमलखा से आनंद सिंह जलाल, सावल्दे पश्चिम से दीप चंद्र, माल्धनचौड़ से अनीता आर्य, गुलजारपुर बंकी से आरती टम्टा, चोरगलिया से अनीता बेलवाल, देवलचौड़ बंदोबस्ती से दीपा दर्मवाल, जंगलियागांव से अनिल चनौतिया, मेहरागांव से पूर्व ब्लाक प्रमुख अंबादत्त आर्य, अमृतपुर से भावना रजवार शामिल थे।
बागियों ने बिगाड़ा खेल, संगठन की रखी लाज
जिला पंचायत सदस्य पद पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों का खेल बागियों के साथ ही नाराज कार्यकर्ताओं ने बिगाड़ कर रख दिया। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया की रामणी आन सिंह सीट पर तो बागी डा. छवि कांडपाल बोरा ने जीत दर्ज कर राजनीतिक सनसनी पैदा कर दी है जबकि चोरगलिया सीट पर भी पार्टी की अनीता बेलवाल को पराजय का मुंह देखना पड़ा है।
धारी ब्लाक में दीनी तल्ली सीट पर भाजपा के जीवन सिंह बर्गली तो जंगलियागांव से निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य अनिल चनौतिया पराजित हो गए। जंगलियागांव से जीते विक्रम जंतवाल को वरिष्ठ नेताओं ने टिकट की मांग की, लेकिन अनसुना कर दिया गया।
विधायकों से नाराजगी बनी हार की मुख्य वजह
जिला पंचायत सदस्य चुनाव में भाजपा विधायकों को लेकर जनता व कार्यकर्ताओं में नाराजगी हार की प्रमुख वजह मानी जा रही है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि प्रचार में गए कुछ विधायकों को जनता से गांव नहीं आने दिया और बमुश्किल आने के बाद खूब खरी खोटी सुनाई। केंद्र व राज्य सरकार की ढेरों उपलब्धियों के बाद भी विधायकों का जनता से कटना 2027 के विस चुनाव के लिए संगठन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर गया।
किसी ने रखी लाज तो किसी की घटी
जिपं सदस्यत के चुनाव परिणाम से भाजपा के रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट साख बचाने में बहुत हद तक सफल नजर आ रहे हैं जबकि विधायक सरिता आर्य, विधायक बंशीधर भगत, विधायक राम सिंह कैड़ा, विधायक मोहन सिंह बिष्ट का राजनीतिक कद घटा है। रामनगर की तीन जिला पंचायत सीटों में से दो में पार्टी समर्थित प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। बेतालघाट में सिमलखा से भाजपा पृष्ठभूमि के तरुण शर्मा ने जीत दर्ज की है।
भाजपा समर्थित ओखलकांडा ब्लाक में ढोलीगांव से बहादुर सिंह नगदली जीत गए हैं तो ओखलकांडा से कांग्रेस पृष्ठभूमि के प्रमोद कोटलिया जीत गए। धारी में कांग्रेस नेता गोपाल बिष्ट की पत्नी पूनम बिष्ट पांच साल बाद फिर सदस्य बन गई हैं। तो सरना से रेखा देवी, देवलचौड़ बंदोबस्ती से दीपा दर्मवाल आगे हैं। बहरहाल जिला पंचायत सदस्य चुनाव परिणाम भाजपा को बड़ा सबक दे गया।
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