Uttarakhand Panchayat Chunav: अभी तक पहाड़ में नहीं बन सकी मंडी, ठगा सा महसूस करते हैं किसान
Uttarakhand Panchayat Chunav राज्य गठन के बाद भी पहाड़ में मंडी न बनने से किसान परेशान हैं। कुमाऊं के किसान हल्द्वानी मंडी में फसल बेचने को मजबूर हैं जहां उन्हें कम दाम मिलते हैं। इससे उनकी लागत भी नहीं निकल पाती। किसानों का कहना है कि मंडी बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और ट्रांसपोर्ट का खर्चा भी बचेगा।

ठगा सा महसूस करते हैं किसान, अभी तक पहाड़ में नहीं बन सकी मंडी
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444,569.89 मीट्रिक टन फल का उत्पादन
चुनाव के समय कई मुद्दे आते हैं पर पूरे नहीं होते
पहाड़ के किसान मजबूरन अपनी फसल बेचने के लिए हल्द्वानी जाते हैं। पर्वतीय क्षेत्र में मंडी बन जाए तो काफी लाभ मिलेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। - सतीश कुमार, भीमताल
भीमताल, मुक्तेश्वर की तरफ सेब, आडू आदि का उत्पादन होता है। इसे बेचने के लिए ट्रांसपोर्ट में अधिक शुल्क देकर दूसरी मंडियां जाते हैं। कई बार दाम उचित नहीं मिलते। पहाड़ में मंडी बनने से ट्रांसपोर्ट खर्चा बचेगा, दाम भी सही मिलेंगे। - राकेश चंद्र ब्रिजवासी, नौकुचियाताल
कई बार एक या दो कट्टा सब्जी बेचने के लिए हल्द्वानी मंडी जाते है। इसे बेचने के बाद ट्रांसपोर्ट का भाड़ा भी नहीं निकल पाता है। पहाड़ में मंडी बनने से छोटे किसान बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपना माल बेच पाएंगे। - यशपाल आर्या, सलड़ी
चुनाव के समय नेता कई मुद्दे लाते है। मगर कभी कोई वादा पूरा नहीं हो पाता है। ऐसे ही पहाड़ में मंडी बनने का वादा भी अधूरा है। इससे स्थानीय किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बहार धक्के खाने पड़ रहे हैं। - देवेंद्र कुमार, गौलापार
पहाड़ में मंडी बनने के लिए विचार किया जा रहा है। अल्मोड़ा के थल में छोटी मंडी है लेकिन वो अब तक शुरू नहीं हो पाई है। इसे ठीक करा कर जल्द शुरू किया जाएगा। इससे पर्वतीय क्षेत्र के किसानों को आसानी होगी। - डा. अनिल कपूर डब्बू , मंडी परिषद अध्यक्ष
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