दुष्कर्म और धमकी मामले में नैनीताल हाई कोर्ट से आरोपी को मिली राहत, ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द
नैनीताल हाई कोर्ट ने दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी के आरोपी विकास को राहत देते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। विकास पर एक 30 वर्षीय महिला ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने और अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने आरोपी की दलीलें सुनने के बाद निचली अदालत के आदेश और चार्जशीट को निरस्त कर दिया।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने के आरोपित को राहत देते हुए ट्रायल अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में आरोपित की अपील पर सुनवाई हुई।
अभियोजन के अनुसार आरोपित विकास के विरुद्ध 30 वर्षीय शादीशुदा महिला ने काशीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि विकास ने उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। धमकी दी कि अगर वह ऐसा नहीं करती है तो उसके अश्लील वीडियो को इंटरनेट मीडिया में वायरल कर देगा।
जान से मारने की धमकी भी दी। इसका विरोध करते हुए विकास की तरफ से कहा गया कि घटना 2022 की है। घटना के समय महिला की उम्र 28 वर्ष थी। उसका 7 वर्षीय एक पुत्र भी है जबकि घटना के समय आरोपित की आयु 20 वर्ष थी, जो शादी की उम्र से कम है।
यह भी कहा गया कि आरोपित काशीपुर में किराए के मकान में रहता है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है जबकि शादीशुदा महिला भी आरोपित के पड़ोस में किराए पर रहती है। उसका विवाह विच्छेद भी नहीं हुआ है। महिला यू ट्यूबर भी है।
पुलिस ने मामले की जांच करते वक्त बिना मामले की सत्यता जाने चार्जशीट पेश कर दी। निचली अदालत ने उसपर आदेश पारित कर दिया। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि निचली अदालत के आदेश व चार्जशीट को निरस्त कर दिया जाय। एकलपीठ ने पक्षों की सुनने के बाद कोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट काशीपुर के आदेश व पुलिस की ओर से पेश की गई चार्जशीट को निरस्त कर दिया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।