Move to Jagran APP

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा, पहाड़ में योजना के लिए नहीं होने दी जाएगी धन की कमी

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत संचालित होने वाले कार्यों की गहनता से समीक्षा की।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 09:00 AM (IST)
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा, पहाड़ में योजना के लिए नहीं होने दी जाएगी धन की कमी
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा, पहाड़ में योजना के लिए नहीं होने दी जाएगी धन की कमी

नैनीताल, जेएनएन : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत संचालित होने वाले कार्यों की गहनता से समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन समयबद्ध कार्यक्रम है और इसको पूरा करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इलाकों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए रणनीति बनाकर कार्य करने को कहा।

loksabha election banner

2022 तक हर घर में नल और नल में होगा जल

गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन के बाद प्रशासन अकादमी सभागार में केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री रावत ने बताया कि सरकार नदियों, तालाब, गेधेरों, चाल खाल एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व संवर्धन के लिए गंभीरता से काम कर रही है। जनमानस की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए स्वयं सहायता समूह, महिला एवं युवक मंगल दलों के साथ ही लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक हर घर में नल और हर नल में जल की परिकल्पना को साकार करने के प्रति प्रतिबद्ध है। सीएम ने बताया कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेशभर के ग्राम पंचायत, राजस्व गांव व तोक, ब्लॉक, जिला तथा राज्य स्तरीय कार्य योजना तैयार करते हुए कार्रवाई की जा रही है।

जल स्रोत रिचार्ज करने की भी कार्य योजना तैयार

जल जीवन मिशन के केंद्रीय अपर सचिव भरत लाल ने कहा कि  मिशन का मकसद बुनियादी सुविधाओं का विकास नहीं है बल्कि हर घर में नल और हर नल में जल है। मिशन तभी सार्थक होगा जब हर नल में पानी होगा। उन्होंने कहा कि जल स्रोत रिचार्ज करने की भी कार्य योजना तैयार करनी होगी। पेयजल की गुणवत्ता के लिए सेंसर भी लगाए जाएंगे, जिनके माध्यम से पेयजल के छह से 11 पैरा मीटरों की जांच की जाएगी। उन्होंने जल संबंधी शिकायतों के निवारण को अलग से हेल्प लाइन नंबर जारी करने करने के निर्देश दिए।

पेयजल सचिव अरविंद ह्यांकी ने दी जानकारी

बैठक में पेयजल सचिव अरविंद ह्यांकी ने हाउस हॉल्ड सर्वे, जेजेएम की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति, शिकायत निवारण सिस्टम, राज्य में जल संसाधन सिस्टम ग्रामीण, जिला एवं राज्य कार्य योजना थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल संचय, जीवन संचय योजना के लिए नैनीताल जिले का चयन किया गया है। जिसके तहत में चाल खाल निर्माण व अन्य उपायों से जन सहभागिता के आधार पर जल संचय का विशेष कार्य किया गया। इसके लिए भारत सरकार द्वारा जनपद को विशेष रैंक दी गई। बैठक में सचिव मुख्यमंत्री राजीव रौतेला, निदेशक स्वजल उदय राज, पेयजल निगम के एसई वीसी पुरोहित, जीएम जल संस्थान डीके मिश्रा, जल संस्थान के ईई संतोष उपाध्याय आदि मौजूद थे।

यह भी पढ़ें : केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा- पर्वतीय राज्यों में जल संसाधनों को पुनर्जीवित करना होगा 

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों में 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.