सरकार के फैसलों से असंतुष्ट ट्रांसपोर्ट कारोबारी व्यवसाय बदलने के लिए होने लगे मजबूर
कोरोना महामारी रोकने के लिए लॉकडाउन की वजह से ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े मालिकों व चालकों के आर्थिक हालत खराब होते जा रहे हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना महामारी रोकने के लिए लॉकडाउन की वजह से ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े मालिकों व चालकों के आर्थिक हालत खराब होते जा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही चालू रखने के दौरान एक तरफ का सफर खाली होने से कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वाहनों के बिना सामान लादे चलने से डीजल, ड्राइवरों व हैल्परों का खर्चा तक नहीं निकल पा रहा है। सरकार की नीतियों की वजह से परेशान ट्रांसपोर्ट कारोबारी लगातार अपना धंधा बदलने पर मजबूर होते जा रहे है।
देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश महासचिव यातायात दया किशन शर्मा, कुमाऊं मंडल प्रवक्ता हरजीत सिंह चड्डा व हल्द्वानी ट्रांसपोर्ट यूनियन अध्यक्ष राजकुमार सिंह नेगी ने बताया कि राज्य सरकार को कई बार ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं से अवगत भी कराया गया है।
लेकिन सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन में जो मोटर मालिकों व चालकों को राहत देने की घोषणा की गई है, उससे सभी नाराज हैं। जबकि वह आपदा के समय सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिन रात सेवा देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तीनों पदाधिकारियों ने बताया कि कुछ ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने ट्रकों को बेचकर कारोबार ही बदल दिया है।
उन्होंने सरकार से वाहनों के एक साल तक के सभी तरह के टैक्स माफ करने की मांग की है। देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश यातायात प्रभारी नरेंद्र भौरयाल ने मांग की है कि इंश्योरेंस प्रिमियम की समावधि को एक साल तक बढा़या जाए। डीजल के दामों में 50 फीसद की छुट दी जाए।
इसके साथ ही राज्य के सभी कामर्शियत लाइसेंस धारक चालकों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। जिससे ट्रांसपोर्ट कारोबार पटरी पर आए और कारोबारियों के साथ ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में मदद मिले।
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