coronavirus : कोरोना के कारण ट्रैकिंग व्यवसाय को दो करोड़ से अधिक का नुकसान
कोरोना वायरस से पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले का पर्यटन से जुड़ा ट्रैकिंग व्यवसाय भी धड़ाम हो गया है। ट्रैकिंग से जुड़े व्यावसायियों की सारी बुकिंग रद हो गई है।
बागेश्वर, जंएनएन : कोरोना वायरस से पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले का पर्यटन से जुड़ा ट्रैकिंग व्यवसाय भी धड़ाम हो गया है। ट्रैकिंग से जुड़े व्यावसायियों की सारी बुकिंग रद हो गई है। व्यावसायियों को करीब दो करोड़ से अधिक का नुकसान होने की संभावना है। आने वाले दिनों में और मुश्किलें बढऩे की संभावना हैं।
बागेश्वर, पिथौरागढ़ आते हैं टैकर
पहाड़ों पर रोमांच के लिए प्रतिवर्ष हजारों की तादात में देशी-विदेशी सैलानी पहुंचते हैं। यह लोग साहसिक पर्यटन के लिए पिंडारी, कफनी, नामिक, मिलम व रालम ग्लेशियर सहित सुंदर घाटियों में पहुंचते हैं। पिथौरागढ़ व बागेश्वर जिले के अधिकतर लोगों की आय का मुख्य स्रोत साहसिक पर्यटन है। उसके अलावा यहां कुछ ऐसा नही है जिसके लिए पर्यटक लालायित रहते हों। पहाड़ में पर्यटन सीज मार्च माह में शुरू हो जाता है जो 15 जून तक चलता है। इसके बाद फिर बरसात के बाद सितंबर में ही ट्रैकिंग सीजन शुरू होता है।
स्थानीय रोजगार भी छिना
इधर कोरोना वायरस को पूरे विश्व ने महामारी घोषित कर दिया है। सारी बुकिंग रद हो गई है। वहीं ट्रैकिंग व्यवसाय से जुड़े स्थानीय गाइडों को जो पैसा टूर आपरेटरों ने दिया था वह वापस मंगा लिया है। पर्यटन व्यवसाय से पिछले 20 सालों से जुड़े महिपाल सिंह दानू ने बताया कि उनके पास करीब दो लाख रुपये एडवांस आ गए थे। देशी-विदेशी पर्यटकों की पांच दलों की बुकिंग थी। सारा पैसा वापस करना पड़ा। व्यवसायी चामू सिंह, जोहार सिंह, प्रकाश, शेर सिंह दयाल सिंह आदि ने बताया कि 60 लोगों की बुकिंग रद हो गई है। खासा नुकसान हुआ है। इसका असर पूरे क्षेत्र में पड़ेगा।
बागेश्वर जिले में ट्रैकिंग : पिंडारी, कफनी ग्लेशियर, सुंदरढूंगा घाटी।
पिथौरागढ़ जिले में ट्रैकिंग : नामिक, मिलम, रालम ग्लेशियर नंदा देवी बेस कैंप, खलियाटाप, छोटा कैल।
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