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    एसएसपी का पीआरओ बन कर रहे थे वसूली, मामले में उप्र के शिक्षक समेत तीन गिरफ्तार nainital news

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 04 Jan 2020 07:56 PM (IST)

    दुष्कर्म के मामले में निकालने के लिए शिक्षक ने अपने दो साथियों के साथ एसएसपी का पीआरओ बनकर 1.25 लाख वसूल लिए। पुलिस ने शिक्षक समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया।

    एसएसपी का पीआरओ बन कर रहे थे वसूली, मामले में उप्र के शिक्षक समेत तीन गिरफ्तार nainital news

    रुद्रपुर, जेएनएन : स्थानीय शिमला बहादुर निवासी युवक का नाम दुष्कर्म के मामले में निकालने के लिए उत्तर प्रदेश के रिच्छा निवासी शिक्षक ने अपने दो साथियों के साथ एसएसपी का पीआरओ बनकर 1.25 लाख वसूल लिए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया तो युवक की मां ने एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने पीआरओ बनकर वसूली करने वाले शिक्षक समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।

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    एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने शनिवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 31 दिसंबर को शिमला बहादुर, नारायण कालोनी निवासी रेखा गुप्ता ने बताया कि उसके पुत्र कौशल गुप्ता के खिलाफ रुद्रपुर कोतवाली में एक युवती ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया है। मामले में उसके पुत्र कौशल का नाम निकालने और परिवार के अन्य सदस्यों को बचाने के लिए आजादनगर, शाहगढ़, बहेड़ी, बरेली निवासी कमल कुमार गंगवार उर्फ मनीष पुत्र बेनीराम ने एसएसपी का पीआरओ से सेटिंग होने का हवाला देते हुए दो साथियों के साथ मिलकर उनसे 1.25 लाख रुपये ले लिए। मामले में पीडि़त पक्ष ने शिकायत दर्ज कराई जिसमें एसएसपी ने रुद्रपुर पुलिस को जांच के निर्देश दिए थे। शुक्रवार रात को पुलिस ने कमल कुमार गंगवार उर्फ मनीष को शक्तिफार्म से गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में कमल ने बताया कि रेखा गुप्ता को वह पहले से जानता है। जब उनके पुत्र कौशल पर युवती दुष्कर्म का केस दर्ज कराने कोतवाली गई थी तो उसने अपने साथी ग्राम उदरा, थाना देवरनियां, बरेली निवासी परवेश कुमार पुत्र दुर्गपाल को बताया कि वह एक परिवार को जानता है। जिसके पुत्र के खिलाफ युवती मुकदमा दर्ज कराने वाली है। परिजनों को मुकदमा का भय दिखाकर और केस दर्ज होने पर नाम हटाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल सकते हैं। उन्हें एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो एसएसपी का पीआरओ बनकर कौशल के परिवार वालों से बात कर सके।

    इस पर परवेश ने बताया कि ग्राम गहलुईया, थाना मिलक, रामपुर और हाल बी-सुपर बरेली सिटी निवासी उसका साडू भाई छोटेलाल सरकारी स्कूल में शिक्षक है। जो पढ़ा लिखा है और एसएसपी का पीआरओ बनकर कौशल के परिजनों से बात कर सकता है। इसके बाद उन्होंने छोटेलाल से बात कर उसे अपनी योजना में शामिल कर लिया था। एक दिसंबर को उसने कौशल को बचाने के लिए उसके बड़े भाई राहुल व मां रेखा से 25 हजार ले लिए। छह दिसंबर को कोतवाली के पास 40 हजार और सात दिसंबर को बरेली में 60 हजार रुपये लिए। इस पर पुलिस ने मनीष की निशानदेही पर परवेश कुमार और उसके साढू भाई छोटेलाल को भी गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उनसे वारदात में प्रयुक्त एक्सयूवी कार और 50 हजार की नगदी भी बरामद कर ली। बाद में पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

    टीम को इनाम देने की घोषणा

    रुद्रपुर : एसएसपी का फर्जी पीआरओ बनकर अवैध वसूली में शामिल आरोपितों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी बङ्क्षरदरजीत ङ्क्षसह ने 2500 का इनाम देने की घोषणा की है। इसके अलावा एसपी सिटी देवेंद्र ङ्क्षपचा और एसपी क्राइम प्रमोद कुमार ने भी 1500-1500 रुपये का इनाम की घोषणा की। टीम में कोतवाल कैलाश चंद्र भटट, एसएसआई भुवन चंद्र जोशी, एसएसआई अरङ्क्षवद चौधरी, एसओजी प्रभारी कमाल खान, एसआई सुधाकर जोशी, एसआई विपिन जोशी, हेड कांस्टेबल प्रकाश भगत, कांस्टेबल आसिफ, कुलदीप ङ्क्षसह, चंद्रशेखर टाकुली, भूपेंद्र ङ्क्षसह शामिल हैं।

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