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प्रत्याशियों में जोश, मतदाता खामोश, पार्षद से लेकर मेयर तक कहीं नहीं एकतरफा लहर

नगर निगम चुनाव में प्रचार चरम पर पहुंच गया है। गली-मोहल्लों में प्रत्याशियों व समर्थकों का शोर मच रहा है। सुबह से शाम तक वाहनों से भी अपने पक्ष में मतदान की अपील की जा रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 11:53 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:53 AM (IST)
प्रत्याशियों में जोश, मतदाता खामोश, पार्षद से लेकर मेयर तक कहीं नहीं एकतरफा लहर

संदीप मेवाड़ी, हल्द्वानी : नगर निगम चुनाव में प्रचार चरम पर पहुंच गया है। गली-मोहल्लों में प्रत्याशियों व समर्थकों का शोर मच रहा है। सुबह से शाम तक वाहनों से भी अपने पक्ष में मतदान की अपील की जा रही है। वहीं अब भी किसी भी क्षेत्र में पार्षद से लेकर मेयर प्रत्याशी की एकतरफा लहर नहीं दिख रही है। मतदाताओं की खामोशी ने प्रत्याशियों को बेचैन कर रखा है।

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पिछले चुनाव में नगर निगम का क्षेत्र काठगोदाम से लेकर नवीन मंडी बरेली रोड, डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल तक, कालाढूंगी रोड पर मुखानी नहर कवङ्क्षरग रोड तक, बनभूलपुरा क्षेत्र था। परिसीमन के बाद 36 गांव नगर निगम में शामिल हो गए। इससे नगर निगम में मतदाताओं की संख्या 98 हजार से दो लाख पहुंच गई है। अंतिम समय में मतदाताओं को अपनी ओर मोडऩे में प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। मेयर पद के प्रत्याशी मोहल्ला वार ताबड़तोड़ नुक्कड़ जनसभाएं कर नगर निगम चुनाव में प्रचार चरम पर पहुंच गया है। गली-मोहल्लों में प्रत्याशियों व समर्थकों का शोर मच रहा है।

सुबह से शाम तक वाहनों से भी अपने पक्ष में मतदान की अपील की जा रही है। रहे हैं। क्षेत्र के सक्रिय लोगों को जोड़कर टोलियां बनाई गई हैं। ये टोलियां अपने क्षेत्र के मतदाताओं के घर-घर दस्तक देकर मतदान की अपील कर रही हैं। वहीं पार्षद प्रत्याशी व समर्थक भी देर रात तक घरों में दस्तक दे रहे हैं। प्रत्याशियों व समर्थकों की पूरी ताकत झोंकने के बावजूद एकतरफा रुझान नहीं दिख रहा है। हर प्रत्याशी को मतदाता आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन वोट किसके खाते में जाएगा, ये खुलकर आम मतदाता कुछ नहीं बोल रहा है।

प्रत्याशियों के व्यक्तित्व से लेकर कद पर चर्चा

मतदान से पहले मतदाता मेयर से लेकर पार्षद पद तक के व्यक्ति का अपने-अपने तरीके से आकलन कर रहे हैं। गली-गली में प्रत्याशियों के व्यक्तित्व, इमानदारी, राजनीतिक कद समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा हो रही है। चर्चाओं के माध्यम से एक-दूसरे के मन की टोह लेने की कोशिश की जा रही है। बावजूद मतदाता अंतिम समय पर ही प्रत्याशी का चुनाव करने जैसे गोलमोल जवाब देकर चुप्पी साध ले रहे हैं।

36 नए वार्डों के मतदाताओं पर टिकी नजर

परिसीमन के बाद नगर निगम में 36 गांवों में रहने वाले एक लाख से अधिक लोग मतदाता बन गए हैं। पहली बार ये लोग नगर निगम के चुनाव में मतदान करेंगे। नगर निगम में शामिल होने को लेकर लोग दिनभर फायदे व नुकसान पर चर्चा कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण से शहरवासी बने मतदाताओं पर सभी राजनीतिक दलों की नजर टिकी हुई है। ये मतदाता ही चुनाव में जीत व हार तय करेंगे। सभी प्रत्याशी लोक-लुभावन वादे कर विकास की गंगा बहाने की सपना दिखा रहे हैं। हालांकि शहर के सदन में पहुंचने के बाद वादों की हकीकत लोगों के सामने आएगी।

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