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अपने वेतन से प्रधानाचार्य ऊषा संवार रहीं हैं बच्‍चों का भविष्‍य, इस तरह बनाई अलग पहचान

भाव में सेवा और उजाले का लक्ष्य। कुछ इस तरह बच्चों का भविष्य संवारने की दिशा में अपना जीवन समर्पित किया है जूनियर हाईस्कूल सैंजना की प्रभारी प्रधानाचार्य ऊषा टम्टा ने।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 07:57 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 07:24 PM (IST)
अपने वेतन से प्रधानाचार्य ऊषा संवार रहीं हैं बच्‍चों का भविष्‍य, इस तरह बनाई अलग पहचान
अपने वेतन से प्रधानाचार्य ऊषा संवार रहीं हैं बच्‍चों का भविष्‍य, इस तरह बनाई अलग पहचान

रुद्रपुर, जेएनएन : भाव में सेवा और उजाले का लक्ष्य। कुछ इस तरह बच्चों का भविष्य संवारने की दिशा में अपना जीवन समर्पित किया है जूनियर हाईस्कूल सैंजना की प्रभारी प्रधानाचार्य ऊषा टम्टा ने। वह दूसरों की खुशी में अपनी खुशियां तलाशती हैं। शिक्षा का प्रकाश फैलाने के साथ ही वह वेतन का बड़ा भाग ऐसे बच्चों को आगे बढ़ाने में खर्च करती हैं, जो संसाधन के आभाव में पिछड़ जाते हैं।

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शिक्षा के साथ खेल के मैदान में वरिष्ठ शिक्षिका ऊषा टम्टा ने अपनी अलग पहचान कायम की है। दूरस्थ सैंजना गांव में जूनियर हाईस्कूल में अपनी सेवाएं देने वाली शिक्षिका को गांव का हर व्यक्ति सम्मान की दृष्टि से देखता है। सम्मान दे भी क्यों न, उनके द्वारा किया जाने वाला काम अपनी बात खुद बोलता है। सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना उनकी नियति में शामिल हो चुका है। गांव की एक दिव्यांग बच्ची रुख्सीन के अंदर पढऩे की ललक को पहचान कर उन्होंने उसकी पूरी मदद करते हुए आज मुकाम दिलाने का काम किया। आज वह कक्षा 12 की परीक्षा पास कर चुकी है। यहीं पर सेवा का काम नहीं रुक जाता है।

लाइब्रेरी से जगा रहीं शिक्षा की अलख

उन्होंने क्रिएटिव उत्तराखंड संस्था के साथ जुड़ कर सृजन नाम से पुस्तकालय की स्थापना भी की है। स्कूल से लौटकर वह बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने का भी काम करती हैं। वह बच्चों में पढ़ाई की रुचि जगाती हैं। पुस्तकालय के रख रखाव का काम संस्था के लोग उनके साथ पूरी जिम्मेदारी के साथ करते हैं। साथ ही साहित्य के संरक्षण के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे कवियों की याद को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ताजा करने का भी काम करते हैं। उनकी सादगी का यह आलम है कि इतना कुछ करने के बाद भी वह श्रेय लेने से बचती हैं।

सेपक टाकरा को बढ़ावा देने की ललक

सेपक टाकरा को दिशा देने के लिए भी ऊषा टम्टा का प्रयास सार्थक होता दिखा। छोटे से गांव के बच्चों को न केवल कोच की सुविधा मिली, अपितु सेपक टाकरा एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. नागेेंद्र शर्मा के साथ टीम ने सैंजना के जूनियर हाई स्कूल पहुंचकर उनके इस प्रयास की खुले दिल से सराहना की। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हरीश दनाई के साथ शिक्षक वर्ग पूरी तरह से उनके साथ खड़ा रहता है।

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